केंद्रीय राज्य मंत्री मुरुगन ने जमशेदपुर में पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की

 






जमशेदपुर (झारखंड), 17 सितंबर (हि.स.)। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने झारखंड के जमशेदपुर के बिरसा मुंडा सभागार में दीप जलाकर प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर लगे विभिन्न स्टॉलों का फीता काटकर उद्घाटन एवं निरीक्षण भी किया। साथ ही शिल्पकारों से भेंट की। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर पौधरोपण भी किया।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्वकर्मा जयंती के दिन देश के विश्वकर्मा समाज के लिए बड़ा कार्यक्रम लेकर आए हैं। भारत सरकार ने छोटे और पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले ऐसे 18 प्रकार के कारीगरों और शिल्पकारों को सम्मिलित किया है, जिसे पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ मिलेगा। इनमें कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, बढ़ई, लोहार, सोनार, कुम्हार, शिल्पकार, धोबी, दर्जी आदि शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि चयनित लाभार्थी को पांच से सात दिन का प्रशिक्षण और 500 रुपये प्रतिदिन की दर से स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत टूल किट के लिए 15,000 रुपये ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होंगे। मुरुगन ने कहा कि झारखंड में डिजिटल पेमेंट छोटे-छोटे दुकानों और स्टालों में हमें देखने को मिल रहा है। यह बेहद खुशी की बात है और जो भी कार्य अब होगा सब डिजिटल के माध्यम से ही उसका लेन-देन होगा और उसमें भी सरकार लाभ देगी।

उन्होंने कहा कि कारीगरों को प्रथम चरण में एक लाख रुपये का ऋण तथा द्वितीय चरण में दो लाख रुपये का कोलेटरल फ्री ऋण पांच प्रतिशत ब्याज के दर से दिया जाएगा। साथ ही पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वोकल फोर लोकल एवं मेक इन इंडिया आह्वान के तहत झारखंड के प्रोडक्ट अब अमेरिका सहित अन्य देशों तक जा सकते हैं।

इस अवसर पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे। जमशेदपुर के उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन एवं अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं पौधा भेंट किया। कार्यक्रम में दर्शक दीर्घा के रूप में करीब 800 ग्रामीण लाभार्थियों के साथ कई सरकारी विभागों, वित्तीय संस्थानों आदि के अधिकारी-कर्मचारी, समाजसेवी एवं अन्य प्रबुद्ध नागरिक शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/ वंदना/चंद्र प्रकाश