उत्तराखंड : 'आपदा प्रबंधन पर 6वीं अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस' 28 नवम्बर से देहरादून में
-कुल 70 सेशन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के वक्ता रखेंगे अपनी बात
देहरादून, 27 नवम्बर (हि.स.)। ''आपदा प्रबंधन पर चार दिवसीय 6वीं अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस'' 28 नवम्बर (मंगलवार) से ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में आयोजित हो रही है। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। चार दिनी सेमिनार में कुल 70 सेशन में अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के वक्ता अपनी बात रखेंगे।
बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कल 28 नवम्बर मंगलवार को सुबह 10 बजे चार दिवसीय 6वीं अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस'' का उद्घाटन करेंगे, जबकि 01 दिसंबर को इस कांग्रेस के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि और सम्मानीय अतिथि, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद रहेंगे।
इस छठे विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का देहरादून में आयोजन प्राकृतिक आपदाओं से त्रस्त उत्तराखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते भूस्खलन, बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित उत्तराखंड को विश्व के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में कार्य कर चुके विशेषज्ञों के जरिये इस सम्मेलन से काफी लाभ मिलने की उम्मीद है। आपदाओं के दौर में जिस तरह राज्य सरकार और उत्तराखंड के लोग विषम परिस्थितियों में कठिन परिश्रम, अदम्य साहस और धैर्य से कार्य करके हालात का सामना करते आये हैं, ये विशेषताएं इस सम्मेलन की विषय वस्तु को कहीं ज्यादा उपयोगी बनाती हैं। आपदाओं का सामना करने की दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्म विश्वास और सरकार की गंभीरता व संवेदनशीलता को आपदा प्रबंधन में कुशलता का पर्याय माना जाता है।
माउंटेन इको सिस्टम एंड कम्युनिटीज पर केंद्रित इस वर्ष के विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन का मुख्य विषय स्ट्रेंथनिंग क्लाइमेट एक्शन एंड डिजास्टर रेजिलिएंट है। इसके बाद तैयार होने वाले देहरादून डिक्लेरेशन में विश्व स्तर पर आपदा प्रबंधन के संबंध में महत्वपूर्ण विचारों, प्रतिक्रियाओं और सुझावों का संकलन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सम्मेलन के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका मूल उद्देश्य हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों पर चर्चा और उनका समाधान निकालना है। इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखंड को आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय शोध और समाधान केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयासों को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आठ दिसम्बर से शुरू होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 से कुछ ही दिन पहले यह महत्वपूर्ण आयोजन देश और विदेश में सेफ इन्वेस्टमेंट-रेजिलिएंट उत्तराखंड की धारणा को पुष्ट करेगा।
इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम, डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड रेसिलिएंस, अर्लीवार्निंग सिस्टम एंड प्रिपेरडनेस, रिस्पॉंस, रिकवरी और आपदा के बाद किए जाने वाले पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों पर चर्चा की जाएगी। इस सम्मेलन को उत्तराखंड को विश्व पटल पर स्थापित करने की एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है। सम्मेलन में लद्दाख और अंडमान निकोबार के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी शिरकत करेंगे।
कांग्रेस में लगभग 600 डेलिगेट्स भाग लेंगे। चार दिवसीय आयोजन में शुरुआत के दो दिनों में शाम के वक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। इसके अतिरिक्त एक दिन विदेशी मेहमानों को गंगा आरती हेतु ऋषिकेश भी ले जाया जाएगा।
ग्राफ़िक एरा से लेकर होटल में ठहरे डेलिगेट्स के लिए सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस व मेडिकल टीम तैयार है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज