बंगाल की सभी 42 सीटों पर तृणमूल ने उतारे उम्मीदवार, 12 महिला और छह मुस्लिम

 


सात सांसदों के टिकट काटे

कोलकाता, 10 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को राज्य की सभी 42 लोकसभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवारों की सूची जारी की। इससे यह साफ हो गया है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस या वाम दलों के साथ मिलकर तृणमूल कांग्रेस चुनाव लड़ने वाली नहीं है। यानी अब लगभग हर एक सीट पर कम से कम त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।

इस बार तृणमूल कांग्रेस ने सात सांसदों को टिकट नहीं दिया है और कुछ नये चेहरों को मैदान में उतारा है जिनमें पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान का नाम भी शामिल है। तृणमूल कांग्रेस ने पुराने नेताओं और अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच जारी कथित सत्ता संघर्ष के बीच अनुभवी नेताओं और नए नेताओं का सामंजस्य बनाए रखा है। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल से फिर से चुनाव मैदान में उतारा गया है। सिन्हा ने पिछला चुनाव भी आसनसोल से जीता था। बसीरहाट लोकसभा सीट से पार्टी ने पूर्व सांसद हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतारा है और यहां से सांसद नुसरत जहां को टिकट नहीं मिला है। हाल ही में चर्चा में रहा संदेशखाली इसी लोकसभा क्षेत्र में स्थित है। पार्टी ने 23 सांसदों में से 16 पर भरोसा जताया है।

तृणमूल कांग्रेस ने सात मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है जिनमें बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह भी शामिल हैं जो दो साल पहले भाजपा छोड़कर सत्तारूढ़ दल में शामिल हो गये थे। नए चेहरों में 12 महिला और 26 पुरुष शामिल हैं, जिनमें मौजूदा सांसद और पिछले दावेदार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल कैबिनेट के दो मंत्रियों -पार्थ भौमिक और बिप्लब मित्रा- सहित नौ विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया गया है। इस बार उम्मीदवारों की सूची में छह मुस्लिम उम्मीदवार हैं।

कोलकाता में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए तृणमूल प्रमुख एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने उम्मीदवार खड़े किए हैं, कुछ लोगों को टिकट नहीं दिया गया है। जिन लोगों को दोबारा नामांकित नहीं किया गया है, उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान मौका मिलेगा।

पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को बरहामपुर लोकसभा सीट से नामांकित किया गया है, जो ऐतिहासिक रूप से राज्य कांग्रेस प्रमुख और पांच बार के सांसद अधीर रंजन चौधरी का गढ़ है। तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा को कृष्णानगर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। महुआ को पिछले साल संसद में सवाल पूछने के लिए घूस लेने के आरोप में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। पूर्व क्रिकेटर और पार्टी नेता कीर्ति आजाद को बर्दवान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है, जो 2019 में भाजपा से हार गए थे। लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारे गये नौ विधायकों में भाजपा छोड़कर आए बिस्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी भी शामिल हैं। विश्वजीत दास और मुकुटमणि अधिकारी मतुआ समुदाय के गढ़ बनगांव और राणाघाट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से सत्तारूढ़ दल 2019 में भाजपा से हार गया था। पार्टी ने अनुभवी नेताओं और नए लोगों के बीच संतुलन बनाए रखा है। तीन बार के सांसद सुदीप बनर्जी, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी और काकली घोष दस्तीदार को क्रमश: उतर कोलकाता, दमदम, बीरभूम, सेरामपुर एवं बारासात से दोबारा टिकट दिया गया है। पार्टी ने सायनी घोष, देवांग्शु भट्टाचार्य, गोपाल लामा, विधायक जून मालिया, बापी हलदर और अभिनेत्री रचना बनर्जी जैसे नए चेहरों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। कांथी और तमलुक के तृणमूल सांसद शिशिर अधिकारी और दिब्येंदु अधिकारी हैं। दिसंबर, 2020 में उनके परिवार के सदस्य शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद से पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं। इन दोनों सांसदों के नाम पार्टी की सूची में नहीं है।

इसके अलावा, सुजाता मंडल खान को उनके पूर्व पति और मौजूदा भाजपा सांसद सौमित्र खान के खिलाफ बिष्णुपुर सीट से मैदान में उतारा गया है। भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी प्रसून बनर्जी को मालदा उत्तर सीट से मैदान में उतारा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा/वीरेन्द्र