पिछले 9 वर्षों में देश के इनलैंड फ़िशरीज़ सेक्टर में तीन गुना वृद्धि : परशोत्तम रूपाला
-‘वर्ल्ड फ़िशरीज़ डे’ पर आयोजित ‘ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस इंडिया 2023’ का उद्घाटन
-दो दिवसीय कॉन्फ़्रेंस में देश-विदेश से मत्स्योद्योग तथा मत्स्य पालन से जुड़े 5000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे
-घोल मछली को राज्य की ‘स्टेट फ़िश’ घोषित किया गया
अहमदाबाद, 21 नवंबर (हि.स.)। केन्द्रीय मत्स्योद्योग, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रूपाला और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को अहमदाबाद के गुजरात साइंस सिटी में ‘वर्ल्ड फ़िशरीज़ डे’ के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय ‘ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस इंडिया 2023’ का उद्घाटन किया। कॉन्फ़्रेंस में केन्द्रीय मत्स्योद्योग राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालयान व डॉ. एल. मुरुगन तथा राज्य के कृषि एवं मत्स्योद्योग मंत्री राघवजी पटेल भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपस्थित महानुभावों ने एग्ज़ीबिशन पैवेलियन का भी उद्घाटन किया।
इस ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस के उद्घाटन अवसर पर केन्द्रीय मत्स्योद्योग मंत्री परशोत्तम रूपाला ने कहा कि समुद्र तट और मत्स्योद्योग क्षेत्र में विकास की सर्वाधिक संभावनाओं वाले गुजरात राज्य में पहली बार इस प्रकार की ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस का आयोजन होना हमारा सौभाग्य है। देश में मत्स्योद्योग क्षेत्र में विकास को वेगवान बनाने के उद्देश्य के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार पृथक मत्स्योद्योग विभाग शुरू कराया था। उन्होंने कहा कि आज विश्व में फ़िश प्रोडक्शन में हमारा देश तीसरे स्थान पर है।
ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस इंडिया 2023 की विभिन्न परियोजाओं की चर्चा करते हुए रूपाला ने कहा कि यह विशिष्ट कॉन्फ़्रेंस मत्स्योद्योग से जुड़े उद्योग-व्यवसायियों, मछुआरों, एक्सपोर्ट्स, प्रोसेसर्स, पॉलिसी मेकर्स, लॉजिस्टिक क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को एक विशिष्ट प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगी और सभी को एक मंच पर लाएगी। इस दो दिवसीय ग्लोबल कॉन्फ़्रेंस में इंटरनेशनल डेलीगेट्स सहित इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न स्टेक होल्डर्स अनेक विविधतापूर्ण सेमिनार्स, डिस्कशन, कॉन्फ़्रेंस तथा डेलीबरेशन में सहभागी होंगे और मत्स्योद्योग के प्रति वैश्विक चुनौतियों के विषय में सकारात्मक विचार-विमर्श करेंगे। उन्होंने बताया कि आज गुजरात ने घोल मछली को अपनी स्टेट फ़िश घोषित किया है। देशभर में विभिन्न राज्यों ने हाल के समय में अपनी स्टेट फ़िश घोषित की हैं, जो सिद्ध करता है कि इस सेक्टर में देशभर में रुचि बढ़ी है। पिछले 9 वर्षों में देश के इनलैंड फ़िशरीज़ सेक्टर में तीन गुना वृद्धि हुई है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इशरो द्वारा निर्मित ट्रांसपॉण्डर्स समुद्री मछुआरों को समुद्र में लोकेशन खोजने तथा फ़िशकैच एरियास (अधिक मछली वाले क्षेत्रों) की पहचान करने में महत्वूपूर्ण सिद्ध होंगे, जो उनका महत्वपूर्ण समय बचाएंगे। इसके अलावा, समुद्री मछुवारे इन ट्रांसपॉण्डर्स की सहायता से अपने परिजनों, कोस्ट गार्ड तथा विभिन्न ऑथोरिटीज़ के भी संपर्क में रह सकेंगे।
गुजरात से 5000 करोड़ से अधिक मूल्य के मत्स्य उत्पादों का निर्यात : भूपेंद्र पटेल
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ग्लोबल फ़िशरीज़ कॉन्फ़्रेंस के उद्घाटन अवसर पर कहा कि गुजरात राज्य देश के सबसे लम्बे 1600 किलोमीटर समुद्री तट का स्वामी है। गुजरात राज्य देश में मरीन फ़िश प्रोडक्शन में सबसे आगे है तथा 5000 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के मत्स्य उत्पादों का निर्यात भी करता है। देश के फ़िश एक्सपोर्ट में राज्य का लगभग 17 प्रतिशत योगदान है। भारत आज विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी आर्थिक महासत्ता बना है। पिछले 9 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार तथा अर्थव्यवस्था में ‘ब्लू इकोनॉमी’ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री के विज़नरी नेतृत्व के परिणामस्वरूप मत्स्योद्योग एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में विकास के माध्यम से सही अर्थ में ब्लू रिवॉल्यूशन आया है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में संचालित मत्स्य विभाग से संबंधित योजनाओं का जिक्र किया। कॉन्फ़्रेंस को केन्द्रीय मत्स्योद्योग राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालयान, राज्य के मत्स्योद्योग मंत्री राघवजी पटेल, डॉ. एल. मुरुगन और एफएओ के नेशनल हेड तथा ग्रीस के राजदूत ने भी प्रासंगिक वक्तव्य दिया। इससे पहले केन्द्रीय मत्स्योद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव सागर मेहता ने स्वागत संबोधन किया।
इस अवसर पर राज्य के सांसद हसमुख पटेल व किरीटभाई सोलंकी, राज्य के विधायक बाबूभाई पटेल, अमितभाई ठाकर, दिनेश कुशवाह, कंचनबेन रादडिया, काळूभाई डाभी, विभिन्न राज्यों के मत्स्योद्योग मंत्री, केन्द्रीय मत्स्योद्योग सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी, राज्य के मत्स्योद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव ए. के. राकेश, यूनाइटेड नेशन्स के फ़ूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइज़ेशन के कंट्री हेड, मत्स्योद्योग से जुड़े देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि, राजदूत, केन्द्रीय मत्स्योद्योग मंत्रालय के पदाधिकारी, अधिकारी और बड़ी संख्या में मत्स्य पालन से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/प्रभात