सच को छिपाने का ममता बनर्जी का प्रयास अपने आप में एक आपराधिक कृत्य है : चुघ

 


नई दिल्ली, 10 सितंबर (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने मंगलवार को ममता बनर्जी की सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि उनकी पुलिस द्वारा आरजी कर हॉस्पिटल में हुए रेप और मर्डर केस में एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे का विलंब क्यों हुआ था? उन्हाेंने कहा कि ममता सरकार किसी न किसी तरह से जांच को बाधित करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट से पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों गायब है?

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव चुघ ने आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र में पत्रकाराें से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने चहेते कोलकाता पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष को बचाने के लिए जांच में बाधा डाली और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की। उन्हाेंने कहा कि भाजपा की मांग है कि ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर का पॉलिग्राफी टेस्ट हो तथा ममता बनर्जी, पुलिस कमिश्नर और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिसिंपल संदीप घोष के कॉल रिकार्ड की जांच कर सार्वजनिक की जाए, ताकि पीड़िता व उसके परिवार को न्‍याय मिल सके और देश के सामने सच आ सके।

उन्हाेंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा पूरे मामले में जांच को बाधित करने और सच को छिपाने का प्रयास अपने आप में एक आपराधिक कृत्य है, जिसने पूरे देश के डॉक्टरों और बंगाल के लोगों को आक्रोशित कर दिया है।

चुघ ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत देश की जनता संविधान और न्याय के रक्षक के रूप में लड़ाई लड़ रही है, तो वहीं 'निर्ममता बनर्जी' भक्षक बनी हुई हैं, जो पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री होने के साथ ही गृह मंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी हैं। ममता बनर्जी को अपने इस कुकृत्य की ज़िम्मेदारी लेते हुए तत्काल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि इस केस की निष्पक्ष जांच हो सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी