बालूरघाट लोस सीट: प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत हैं सांसद, संघ के गढ़ में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

 


कोलकाता, 27 फरवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए तोड़जोड़ शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक मार्च को ही राज्य में दौरा होना है। चुनाव की घोषणा से पहले पीएम का दौरा चुनाव प्रचार के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है। खास बात ये है कि विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस के होने के बावजूद ममता बनर्जी ने राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। सूबे में 42 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से कई सीटें हाई प्रोफाइल हैं।

ऐसी ही एक सीट है बालूरघाट लोकसभा सीट। 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के टिकट पर सुकांत मजूमदार ने जीत हासिल की थी। फिलहाल वह बंगाल भाजपा के अध्यक्ष हैं और पार्टी की रणनीति बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं। यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गढ़ माना जाता है। यहां भाजपा का जनाधार अच्छा है। इस बार यहां तृणमूल कांग्रेस अपना उम्मीदवार देगी। माकपा और कांग्रेस का साझा उम्मीदवार चुनावी मैदान में होगा।

लोकसभा क्षेत्र का इतिहास

बलूरघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। यह क्षेत्र दक्षिण दिनाजपुर जिले का एक शहर और मुख्यालय है। इस क्षेत्र में पाल और सेन राजवंशों का शासन रहा है। जिले भर में खुदाई के दौरान मिलीं प्राचीन वस्तुएं यहां की संस्कृति समृद्धता की गवाही देती हैं। क्षेत्र के बांगगढ़ में आज भी पुरानी इमारतें मौजूद हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से रंगमंच में अपने विशिष्टता के लिए जाना जाता है। यह नाट्यचार्य मनमथा राय का जन्मस्थान है। यहां का श्रंगबारी फारेस्टन पर्यटकों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट है।

राजनीतिक इतिहास

यहां 2014 में तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी अर्पिता घोष ने जीत हासिल की थी। 2019 में भी अर्पिता घोष को ही तृणमूल ने टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस ने अब्दुस सादिक सरकार को टिकट दिया था। सीपीआई (एमएल) की ओर से मानस चक्रवर्ती मैदान में थे। हालांकि भाजपा के टिकट पर सुकांत मजूमदार ने जीत हासिल की थी।

कुल मतदाता- 12 लाख 54 हजार 497 हैं। जिसमें छह लाख 53 हजार 841 पुरुष वोटर हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ ओमप्रकाश/गंगा/संजीव