एनईपी में शिक्षा के साथ प्रौद्योगिकी के संयोजन पर विशेष जोर : डॉ. मजूमदार

 


नई दिल्ली, 31 जुलाई (हि.स.)। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 में शिक्षा के साथ प्रौद्योगिकी के संयोजन पर विशेष जोर दिया गया है।

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के साथ प्रौद्योगिकी के संयोजन पर विशेष जोर दिया गया है, विशेष रूप से राष्ट्र की विविध भाषाई विरासत/विविधता को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के संदर्भ में।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) एक भाषा संगम कार्यक्रम चला रही है, साथ ही मशीन ट्रांसलेशन सेल भी है जो विभिन्न पुस्तकों का अनुसूचित भाषाओं में अनुवाद कर रही है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने तकनीकी पुस्तकों सहित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए अनुवादिनी एप का लाभ उठाया है।

मजूमदार ने कहा कि अनुवादित पुस्तकें ई-कुंभ पोर्टल पर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) 13 भाषाओं में आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ (एआईसीटीई) अनुमोदित संस्थानों में 8 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग शिक्षा दी जा रही है। पाठ्य पुस्तकों और शिक्षण संसाधनों सहित पाठ्यक्रम सामग्री डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा) पोर्टल पर 33 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

उन्होंने कहा कि अस्मिता (अनुवाद और शैक्षणिक लेखन के माध्यम से भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री का संवर्धन) शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने की दिशा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की एक नई पहल है।

मजूमदार ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ओपन सोर्स में 22 अनुसूचित भारतीय भाषाओं के लिए भाषण और पाठ अनुवाद के लिए कोर भाषा प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए वर्ष 2022 में मिशन डिजिटल इंडिया भाषिनी की शुरुआत की है। पाठ और आवाज में भाषा अनुवाद के लिए भाषिनी ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस को एपीआई सेतु पर सूचीबद्ध किया गया है। भाषिनी एपीआई किसी भी एप्लिकेशन के साथ एकीकृत करने के लिए उपलब्ध हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार / रामानुज