क्षमता से कम बिजली उत्पादन करने वाले राज्य केंद्र से सहयोग की उम्मीद न रखें: आरके सिंह
नई दिल्ली, 6 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने आज कहा कि जो राज्य कम बिजली का उत्पादन करेगा और केंद्र से बिजली की मांग पूरा करने के लिए अपेक्षा रखेगा, उसे ऐसे हालत में सहयोग करना संभव नहीं होगा। इस तरह की उम्मीद ऐसे राज्यों को नहीं रखनी चाहिए। वह सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत मंडपम में आयोजित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ऊर्जा मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के एजेंडे में देश की बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र से योजनाओं और मुद्दों पर विचार विमर्श होगा। इसमें बढ़ती मांग और क्षमता वृद्धि के साथ डिस्कॉम के व्यवहार पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सौर उर्जा लगाने में लाेगों को डिस्काम का सहयोग नहीं मिल रहा है, ऐसे में जरूरी है कि लाेगों को जागरूक किया जाए।
उन्होंने देश में बिजली के उत्पादन और वितरण व्यवस्था पर संताेष जताते हुए कहा कि विभिन्न राज्यों के सचिव और डिस्काम कंपनियों के साथ मिलकर हमने बिजली की व्यवस्था में आमूल परिवर्तन लाए। पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया, किसी भी ग्रिड से हम कनेक्टिविटी 60 दिनों में दे रहे हैं । विश्व में अन्य देशों में ढाई साल लग जाते हैं । राष्ट्रीय स्तर गांवों में 21 घंटे और शहरों में साढ़े 23 घंटे बिजली उपलब्ध है।
उन्होंने बिहार और झारखंड में बिजली की आपूर्ति में कमी को दूर करने के सवाल पर कहा कि इन राज्याें से मिलकर समस्याओं पर विचार किया जा रहा है। केरल में बिजली की कमी के सवाल पर केंद्रीय उर्जा मंत्री ने कहा कि कोई भी राज्य पड़ोसी राज्यों से बिजली लेकर वितरित करने और दरें तय करने के लिए स्वतंत्र है।
उर्जा मंत्री ने कहा कि उर्जा उत्पादन का 40 प्रतिशत रिन्युअल एनर्जी से पाने का लक्ष्य नौ साल पहले प्राप्त कर लिया है। राज्यों को छूट दी है कि जिसके पास हाइड्रो, सोलर ज्यादा है, उसका उपयोग कर सकता है। कुसुम योजना के तहत सभी राज्यों को केंद्र सरकार सब्सिडी देगी। उर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली की मांग की चुनौतियों पर चर्चा हुई कि तेजी से मांग बढ़ रही है।देश में 50 से 60 हजार मेगावाट बिजली की मांग बढ़ गई है। मार्च तक 12 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन थर्मल पावर प्लांट से करने का लक्ष्य है।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल