चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 52 तीर्थयात्रियों की मौत, केदारनाथ में गई सबसे ज्यादा जान

 








































- दो हफ्ते में 9 लाख 64 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

देहरादून, 24 मई (हि.स.)। चारधाम यात्रा के दौरान अब तक कुल 52 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक 23 श्रद्धालुओं की केदारनाथ में मृत्यु हुई है। अधिकतर श्रद्धालु 60 साल से अधिक आयु के हैं।

शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में गढ़वाल कमिश्नर और मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पाण्डेय ने प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंगोत्री में 03, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 यात्रियों सहित कुल 52 यात्रियों की मृत्यु हुई है। ज्यादातर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और ज्यादातर मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया है।

उन्होंने बताया कि यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक हुई है। यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक मुख्यमंत्री 6 बैठकें कर चुके हैं। मुख्यमंत्री की ओर से यात्रा के लिए प्राधिकरण बनाने की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। इस पर काम किया जा रहा है।

बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु

वहीं चारधाम यात्रा की जब से शुरुआत हुई है तब से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन करने के लिए पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई है। महज दो हफ्ते में 9 लाख 64 हजार श्रद्धालु दर्शन को पहुंच चुके हैं। पिछले साल के मुताबिक यह संख्या दोगुनी है। यमुनोत्री धाम में 129932 श्रद्धालु, गंगोत्री में 166191, केदारनाथ में 424242, बदरीनाथ में 1,96,937 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि फर्जी पंजीकरण में 01 रुद्रप्रयाग और 09 फर्जी पंजीकरण हरिद्वार में हुए, जिसमें करवाई की गई। ट्रांजिट कैंप ऋषिकेश में रुकने वाले यात्रियों को हर सुविधा दी जा रही है। मुख्यमंत्री की ओर से कहा गया है कि 7-8 दिन से रुके हुए यात्रियों को भेजा जाए। ऋषिकेश में रुके हुए यात्रियों को भेजने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। गुरुवार को 01 हजार यात्रियों को भेजा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/वीरेन्द्र