विदेशी जंगली प्रजातियों की तस्करी एक गंभीर खतरा है : प्रवीण सूद

 


नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक प्रवीण सूद ने आज (गुरुवार) नई दिल्ली में विदेशी प्रजातियों की तस्करी पर दो दिवसीय क्षेत्रीय जांच और विश्लेषणात्मक मामले की बैठक (आरआईएसीएम) का उद्घाटन किया।

इस मौके पर सूद ने कहा कि विदेशी जंगली प्रजातियों की तस्करी एक गंभीर खतरा है, जिसके लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सूचना साझा करने की आवश्यकता है।

प्रवीण सूद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि बैठक में भाग लेने वाले प्रत्येक देश समृद्ध जैव विविधता का घर हैं, जिनमें दुर्लभ और लुप्त-प्राय प्रजातियां भी शामिल हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय अवैध शिकार और तस्करी नेटवर्क द्वारा लक्षित किया जाता है। उन्होंने कानूनी ढांचे, प्रवर्तन तंत्र, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सामुदायिक भागीदारी के संयोजन के माध्यम से विदेशी प्रजातियों के संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

इंटरपोल की पर्यावरण सुरक्षा इकाई के आपराधिक खुफिया अधिकारी ह्युक ली ने उद्घाटन सत्र के दौरान तस्करी के मार्गों और कार्यप्रणाली को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बैठक इस अवैध व्यापार को बनाए रखने वाली अवैध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने और नष्ट करने में योगदान देगी।

उल्लेखनीय है कि सीबीआई भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो है और इंटरपोल चैनलों पर सहयोग के लिए भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करती है।

इंटरपोल और सीबीआई विदेशी प्रजातियों की तस्करी पर दो दिवसीय क्षेत्रीय जांच और विश्लेषणात्मक मामले की बैठक (आरआईएसीएम) की सह-मेजबानी कर रहे हैं। यह कार्यक्रम भारत, बांग्लादेश, मलेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड के कानून प्रवर्तन पेशेवरों और डोमेन विशेषज्ञों के प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी के साथ 22-23 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय में व्यक्तिगत रूप से आयोजित किया जा रहा है। भारत के प्रतिनिधिमंडल में सीबीआई, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारी शामिल हैं।

बैठक के एजेंडे में क्षेत्र में जीवित विदेशी जानवरों द पक्षियों की कार्यप्रणाली और तस्करी के मार्गों को समझना, सूचना अंतराल की पहचान करना, आपराधिक जानकारी साझा करना, अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पहचान करना और तस्करी लेनदेन में शामिल प्राथमिकता लक्ष्यों पर विचार-विमर्श करना शामिल है। बैठक में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क और संबंधित इंटरपोल नोटिस पर अपडेट का आदान-प्रदान शामिल है। बैठक में वन्यजीव अपराधों से निपटने के लिए इंटरपोल चैनलों के उपयोग को बढ़ाने का भी प्रयास किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/अनूप