नि:स्वार्थ सेवा भाव है सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मप्र के मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में की संत ईश्वर सम्मान 2024 समारोह में सहभागिता
भोपाल, 2 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार देर शाम दिल्ली के भारत मंडपम् में आयोजित संत ईश्वर सम्मान समारोह 2024 में शामिल हुए। उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नि-स्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मौका मिलना परमात्मा की कृपा है। यह हमारी सनातन संस्कृति का मूल-मंत्र है। मृत्यु-लोक में अपने प्रारब्ध के बल पर 84 लाख योनियों में से मानव शरीर का मिलना भी परमात्मा की कृपा है। जन्म और मृत्यु के बीच काल-खंड में अपने श्रेष्ठ कर्मों से प्रारब्ध को सत्कर्मों में बदलने, विशेषकर समाज सेवा का अवसर परमात्मा प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संत ईश्वर सम्मान जैसा मंच समाज सेवा की इस अनुपम भावना को मान्यता प्रदान करता है। संत ईश्वर फाउंडेशन और राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा सुदूर क्षेत्रों से आए सनातन संस्कृति के विभिन्न समाजसेवियों को सम्मानित कर समाज सेवा की परंपरा को बढ़ाने का काम सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व में अद्वितीय है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में अग्नि-वस्त्रधारी संतों का योगदान सर्वाधिक है, जो प्राणियों को सूर्य की भूमिका में ऊर्जा और मार्गदर्शन देते हैं। संत और सनातन परंपरा जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों से सामना करने की राह दिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संतश्री 33 करोड़ देवताओं का प्रतिनिधित्व कर ‘यद् पिण्डे-तद् ब्रह्मांडे’ के वैदिक वाक्य को चरितार्थ कर रहे है।
डॉ. यादव ने कहा कि 'संत ईश्वर फाउंडेशन' ने पिछले 22 वर्षों में जो उत्कृष्ट कार्य किये हैं, वे समाज सेवा का सच्चा उदाहरण है। फाउंडेशन ने ऐसे क्षेत्रों में सेवा का दीपक जलाने का बीड़ा उठाया है, जहाँ संसाधनों का अभाव है और शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच सीमित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण साधन है। फाउंडेशन ग्रामीण औद दुर्गम क्षेत्रों शिक्षा का अलख जगाने का कार्य कर रहा है, जो आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों के कारण शिक्षा से वंचित हैं। समाज में एकता, समरसता और शिक्षा के प्रसार के लिये फाउंडेशन के कार्य प्रशंसनीय हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में श्रीराम कथा से सनातन की अलख जगाने वाले व अपनी कविताओं से युवाओं के मन में राष्ट्र सेवा का जागरण करने वाले कवि कुमार विश्वास को संत ईश्वर विशेष सम्मान प्रदान किया गया। शाजापुर जिले के काला पीपल निवासी जयराम पाटीदार को वर्ष 2002 से श्रीकृष्ण बलराम गौशाला के माध्यम से गौवंश की सेवा, पंचगव्य उत्पादों के निर्माण, प्राकृतिक खेती और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के संत ईश्वर सम्मान से पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, स्वामी ज्ञानानंद महाराज सहित राष्ट्रीय सेवा भारती और संत ईश्वर फाउंडेशन के पदाधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर