संत प्रेमानंद ने राकेश टिकैत को दी स्वार्थ की राजनीति से दूर रहने की सलाह

 


मथुरा, 24 जुलाई (हि.स.)। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत बुधवार को वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने संत प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वार्थ की राजनीति से दूर रहने की सलाह राकेश टिकैत को संत प्रेमानंद ने दी।

बुधवार सुबह संत प्रेमानंद महाराज के सत्संग में जा पहुंचे। उन्होंने प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लिया। संत प्रेमानंद महाराज ने किसान नेता को किसानों के हित में किए जा रहे संघर्ष की सराहना करते हुए स्वार्थ की राजनीति से दूर रहने की नसीहत भी दी। श्री राधा केली कुंज में आध्यात्मिक चर्चा के दौरान किसान नेता राकेश सिंह टिकैत को किसानों की समस्या के लिए संघर्ष कर सरकार से लाभ दिलाने को उत्तम कार्य बताते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि आप जो कर रहे हैं, उसमें स्वार्थ की भावना न हो, क्योंकि स्वार्थ से कपट आता है। दूसरों के दुख दर्द के लिए लड़ना श्रेष्ठ कर्म है, लेकिन इसमें स्वार्थ होगा तो परमार्थ नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि देश के किसानों की समस्या के लिए मिल-जुलकर हल करें। यही उनका आशीर्वाद है।

प्रेमानंद महाराज ने किसान नेता राकेश टिकैत से कहा कि किसानों के पक्ष में खड़े होकर सरकार से सुविधा दिलाना बहुत उत्तम काम है लेकिन इसमें स्वार्थ की गंध नहीं होनी चाहिए। स्वार्थ में कपट होता है। अगर हम दूसरों के हित के लिए जान की बाजी लगा देंगे तो इस लोक और परलोक में भी मंगल होगा।

‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई, पर पीड़ा सम नहिं अधमाई’

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भारतीय किसान बहुत भोले भाले हैं। हम लोग किसान के घर में पैदा हुए हैं, सब जानते हैं। फसल नष्ट हुई तो समझो किसान नष्ट हो गया। कितनी मेहनत करके वो फसल तैयार करते हैं। बहुत से किसान परेशान होकर शरीर त्याग देते हैं क्योंकि उनकी कहीं पहुंच नहीं है, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। कोई पचास लाख भले कमाता हो लेकिन वह पैसा तो नहीं खाएगा, खाएगा तो अन्न ही और अन्न पैदा करते हैं किसान! किसानों के साथ खड़े होने की जरूरत है।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार / आकाश कुमार राय