संजय निरुपम ने संजय राऊत को खिचड़ी घोटाले का 'मास्टरमाइंड' बताया
- कहा, ईडी को अपनी जांच का दायरा बढ़ाकर संजय राऊत पर मामला दर्ज करना चाहिए
मुंबई, 08 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व सांसद संजय निरुपम ने सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय निरुपम पर खिचड़ी घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ईडी को अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए संजय राऊत पर मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए। खिचड़ी घोटाला केस में ही ईडी ने मुंबई उत्तर-पश्चिम से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को समन भेजा है।
संजय निरुपम ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि संजय राऊत जब गोरेगांव स्थित पत्राचाल घोटाला मामले में फंसे थे, तब उन्होंने खिचड़ी घोटाले के आरोपित सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट कंपनी के मालिक सुजीत मुकुंद पाटकर से तकरीबन एक करोड़ रुपये लिए थे। यह पैसे खिचड़ी घोटाले की दलाली के रूप में दिए गए थे। संजय निरुपम ने कहा कि कोरोना के दौरान मुंबई नगर निगम ने 300 ग्राम खिचड़ी गरीब मजदूरों को देना तय किया था लेकिन संजय राऊत ने खिचड़ी की मात्रा सिर्फ 100 ग्राम कर दी। उन्होंने कहा कि इस तरह संजय राऊत ने सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट कंपनी से एक करोड़ रुपये की दलाली लेकर गरीबों की 200 ग्राम खिचड़ी चुरा ली।
संजय निरुपम का कहना है कि सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट कंपनी के मालिक के पास खिचड़ी बनाने के किचन का अनुभव नहीं था। इसलिए संजय राऊत के इशारे पर जोगेश्वरी एसवी रोड पर एक निजी रेस्तरां पर्शियन दरबार की रसोई को खिचड़ी का अनुबंध किया गया था। बाद में जब पर्शियन दरबार रेस्टोरेंट के मालिक को बुलाया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे साथ कोई समझौता नहीं हुआ है। संजय निरुपम ने कहा कि कोरोना के दौरान लोग अपनी जान गंवा रहे थे, लोगों के पास खाना-पानी नहीं था, गांव जाने के लिए गाड़ी नहीं थी, पैसे नहीं थे, उस समय शिवसेना के लोग भोजन आपूर्ति के नाम पर घोटाला कर रहे थे। इसलिए खिचड़ी घोटाले की विस्तृत जांच करके संजय राउत को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/राजबहादुर/सुनीत