वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति हैं साध्वी ऋतंभरा : पुष्कर सिंह धामी
साध्वी ऋतंभरा के षष्ठी पूर्ति महोत्सव में शामिल हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
मथुरा, 30 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को मथुरा में साध्वी ऋतंभरा के षष्ठी पूर्ति महोत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने साध्वी ऋतंभरा को वात्सल्य और ममता की प्रतिमूर्ति बताते हुए शुभकामनाएं दी तथा उनके सुदीर्घ जीवन की कामना की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित संत महात्माओं को भी नमन कर उनका आशीर्वाद लिया। विदित रहे कि वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में शनिवार को दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा के षष्ठी पूर्ति महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर सबसे पहले युगपुरुष स्वामी परमानन्द महाराज ने दीप प्रज्जवलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया।
षष्ठी पूर्ति महोत्सव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्रीधामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि साध्वी ऋतंभरा का व्यक्तित्व अद्भुत और कृतित्व अकल्पनीय है। उनकी वात्सल्य शक्ति से न जाने कितनी बच्चियों को प्रेरणा और नया जीवन मिला। उनसे सदैव वात्यल्य और ममता का सानिध्य प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा के स्नेह और आशीर्वाद से उन्हें व्यक्तिगत रूप से हमेशा लोगों की सेवा करने की शक्ति मिलती है। वे स्वयं उनसे सबसे पहले तब प्रभावित हुए थे जब उनके मुखारबिंदु से श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय प्रखर उद्बोधन सुना था। उनके ओजस्वी उद्बोधन ने लाखों लोगों को हृदय की गहराइयों तक प्रभावित किया था।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को करोड़ों देशवासियों का रामलला को उनकी जन्मस्थली पर विराजमान करने का संकल्प पूर्ण होने जा रहा है। आज रामलला उस समय अपने जन्मस्थान में विराजमान हो रहे हैं, जब भारत दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुका है। सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है, चांद पर भारत का चंद्रयान उतर चुका है, सूर्य के चारों ओर आदित्य एल-वन चक्कर लगा रहा है, पूरा विश्व, भारत की बात कर रहा है, सनातन का भगवा ध्वज चारों ओर फिर से लहरा रहा है, हम दुनिया को कोरोना की मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम हो चुके हैं, हम सफलतम जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करने में सफल हुए हैं और जब हमारे देश के नेतृत्व का लोहा सारे विश्व के नेता मान रहे हैं।, यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश पहली बार गुलामी की मानसिकता से बाहर आने में सफल हुआ है। आज काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कॉरिडोर का बनना, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर का बनना, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण होना, केदारनाथ तथा हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आज हमारे मंदिरों का ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का भी संरक्षण और संवर्धन हो रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलाने वाले न तो राम मंदिर बना पाते, न अनुच्छेद 370 हटा पाते और न ही तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को निजात दिला पाते। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही क्षमता है जो बिना झुके, थके व डिगे अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते रहे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से ही वे भी बिना थके, बिना डिगे उत्तराखण्ड की जनता की सेवा कर रहे हैं। उत्तराखंड में विगत ढाई वर्षों में कई ऐसे महत्वपूर्ण और कठोर निर्णय हमने लिए हैं, जो विगत 23 वर्षों में संभव नहीं हो पाये थे। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया, वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई कर पांच हजार हैक्टेयर सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया गया है। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भी पहली बार कार्रवाई करने से हम पीछे नहीं हटे, यही नहीं अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता को भी लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, शीघ्र ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जायेगा। उत्तराखण्ड देवभूमि है, हमारी देवभूमि का मूल स्वरूप बना रहे इस दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।
दीदी मां को स्वस्थ और दीर्घायु बनाएं रखें ईश्वर : हेमामालिनी
मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि मुझे श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में बड़े सौभाग्य से जनता जनार्दन की सेवा का अवसर मिला है। दीदी मां का स्नेह मुझे सदैव मिलता रहता है। आज उनके षष्ठी पूर्ति महोत्सव में आकर बहुत खुशी है। भगवन से प्रार्थना है कि वह उन्हें स्वस्थ और दीर्घायु बनाये रखें।
इन संत-महंतों ने लिया भाग
आयोजन के प्रथम दिवस पर शनिवार को स्वामी गोविंद गिरी देव, स्वामी शांतिस्वरूपानंद, स्वामी बालकानंद, स्वामी ज्योतिर्मयानन्द, स्वामी डॉ राजकमलदास जी, स्वामी विशोकानन्द, स्वामी शाश्वतानंद, साध्वी प्राची, विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार, स्वामी सुतीक्षण और हरिबोल बाबा सहित अनेक लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्वामी गोविन्द गिरी देव ने दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा को शॉल, श्रीफल, पुष्पहारों से स्वागत अभिनंदन करते हुए उन्हें राम मंदिर अयोध्या का मॉडल भेंट किया।
दीदी मां साध्वी ऋतम्भरा के हजारों प्रशंसकों के बीच मंचस्थ सभी वक्ताओं ने सम्बोधित किया। महोत्सव के प्रथम दिवस पर आयोजन की संयोजिका साध्वी सत्यप्रिया एवं उनके सहयोगी के रूप में साध्वी स्वरूप गिरि, साध्वी समन्विता, साध्वी सुहृदया गिरि, स्वामी सत्यशील, स्वामी सत्यश्रवा, स्वामी सत्यश्रेय और साध्वी सत्यश्रद्धा का विशेष योगदान रहा।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन/आकाश