पूर्व राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य को संघ ने अर्पित की श्रद्धांजलि

 




नागपुर, 10 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने असम और नागालैंड के पूर्व राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य के निधन पर शोक प्रकट किया। पूर्व राज्यपाल का शुक्रवार को मुंबई में निधन हो गया है।

संघ ने एक्स पोस्ट पर जारी श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि पूर्व राज्यपाल आचार्य के निधन से सार्वजनिक जीवन के उज्ज्वल अध्याय समाप्त हो गया है। दिवंगत पद्मनाभ आचार्य ने संघ के स्वयंसेवक तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नाते कई नई गतिविधियां प्रारंभ की थी। स्व. आचार्य मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य भी थे। आपने जीवनकाल में आचार्य ने शिक्षा, राष्ट्रीय एकता, संस्कृति, सेवा तथा विकास के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया था। संघ ने अपने श्रद्धांजलि संदेश में कहा कि आचार्य ने पूर्वोत्तर भारत में बतौर राज्यपाल सराहनीय कार्य किया था। पूर्वोत्तर भारत की प्रगति में उनके योगदान के चलते उन्हें लोगों का बहुत स्नेह प्राप्त हुआ। संघ ने आचार्य के कार्यों का स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और बाद में भाजपा में कार्य किया। स्व आचार्य जीएसबी (गौड़ सारस्वत ब्राह्मण) समुदाय से पहले राज्यपाल थे। पद्मनाभ आचार्य का जन्म 8 अक्टूबर, 1931 को कर्नाटक तट पर उडुपी में हुआ था। आचार्य ने 2014 और 2019 के बीच असम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था। आचार्य का आज शुक्रवार को मुंबई के जुहू इलाके में स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। पद्मनाभ आचार्य कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1948 में संघ प्रतिबंध के दौरान उन्हें छह माह की जेल हुई। कारावास के बाद भी आचार्य ने अपनी शिक्षा जारी रखी और एमजीएम कॉलेज, उडुपी से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वह कानून की आगे की शिक्षा लेने के लिए मुंबई आ गए। आचार्य, जो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापकों में से एक थे, ने एबीवीपी में अपने शुरुआती दिनों से ही पूर्वोत्तर भारत से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया। इसके अलावा आचार्य 1995 से 2001 के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे. उन्होंने लंबे समय तक उपनगरीय शिक्षण बोर्ड का नेतृत्व किया था। 2002 में, पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य केरल और लक्षद्वीप और 2005 में तमिलनाडु के प्रभारी के साथ राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य थे।

हिन्दुस्थान समाचार/मनीष//प्रभात