भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा में स्वयंसेवकों ने किया असाधारण सेवाकार्य, चौतरफा हो रही है सराहना

 










भुवनेश्वर, 11 जुलाई (हि.स.) – भगवान श्री

जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा में हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रीय

स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों को कुछ जिम्मेदारियां सौंपी गईं थीं, जिसे स्वयंसेवकों

ने पूरी निष्ठा और लगन से निभाया। स्वयंसेवकों की सजगता, कर्तव्य परायणता और सेवा

भाव को देखकर हर कोई उनकी प्रशंसा कर रहा है।

उत्कल विपन्न सहायता

समिति की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संय़ोजन में पुरी में आयोजित रथयात्रा

के दौरान कुल दस प्रकार के सेवा कार्य किये गये। इसके लिए संघ की ओर से 1500 से अधिक स्वयंसेवकों को रात-दिन नियोजित किया गया।

श्रद्धालुओं की भारी भीड में घाय़ल व बेहोश होने वालों को तत्काल अस्पताल तक

पहुंचाना व भीड के अंदर एंबुलैंस के लिए रास्ता तैयार करने का कार्य संघ के

स्वयंसेवकों के जिम्मे था, जिसे उन्होंने मुस्तैदी से निभाया। स्वयंसेवकों की

कार्य कुशलता के कारण ही घायलों व अस्वस्थ लोगों को रथ के निकट से एंबुलैंस के पास

सहजता से पहुंचाया जा रहा था। संघ की ओर से प्राथमिक चिकित्सा में 8 डाक्टर, दो फार्मासिस्ट, दो स्वास्थ्य सहायक लगे थे। इसी तरह दो एंबुलेंस के साथ 40 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे।

इसके साथ ही स्ट्रेचर

सेवा में भी स्वयंसेवक लगे थे। 9 स्ट्रेचर सेवा में 36 स्वयंसेवक कार्य कर रहे थे। दस स्थानों पर पेयजल वितरण का

कार्य हो रहा था और इस कार्य में 60 स्वयंसेवक जुटे थे।

भारी उमस व गर्मी के कारण श्रद्धालुओं के

ऊपर

पानी छिड़कने के लिए कुल 14 मशीनें लगायी गई थीं

तथा इसमें 42 स्वयंसेवक लगे थे।

पुरी के

अस्पतालों में भी घायलों व अस्वस्थ श्रद्धालुओं की सहायता के लिए भी स्वयंसेवक

तैनात थे। अस्पताल में विभिन्न विभागो में कुल 350 स्वयंसेवकों ने मरीजों

की

सहयता के कार्य में लगे थे। इसी तरह स्वच्छता के

लिए 10 समूहों में 150 स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। भोजन वितरण कार्य में 60 स्वयंसेवक लगे थे।

एंबुलैंस

के लिए मानव श्रृंखला के जरिये कॉरिडर बनाने हेतु 1060

स्वयंसेवक

लगे थे। ये सभी स्वयंसेवक 7 व 8 जुलाई को दो दिन लगातार सेवा

के कार्य में लगे रहे।

उत्कल विपन्न सहायता समिति के बैनर तले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्राथमिक चिकित्सा सेवा का कार्य 9 दिनों तक अनवरत चलता रहेगा। इस सेवा केन्द्र में भुवनेश्वर,

कटक

व ब्रह्मपुर से डाक्टर आकर चिकित्सा कर रहे हैं।

रथयात्रा से एक दिन

पूर्व यानी 6 जुलाई को पुरी

के घोडा बाजार स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में संघ के वरिष्ठ अधिकारियों ने

वहां उपस्थित समस्त स्वयंसेवकों को दस विभागों के सेवा कार्यों के बारे में

जानकारी दी थी।स्वयंसेवकों की अलग अलग टोली बनाकर उन्हें काम सौंपा गया। इसके बाद स्वयंसेवकों ने रथयात्रा के दिन सुबह सात बजे से अपने निर्धारित

सेवा कार्य करना प्रारंभ कर दिया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय

स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) के संघचालक समीर महांति, राष्ट्रीय सेवा भारती के संगठन मंत्री सुधीर, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख विद्युत मुखर्जी, प्रांत प्रचारक बिपिन प्रसाद नंद, सह प्रांत कार्यवाह सुदर्शन दास, प्रांत

सेवा प्रमुख शांतनु माझी, उत्कल विपन्न सहायता

समिति के अध्यक्ष अक्षय बीट, सेवा भारती के प्रांत

संगठन मंत्री कैलास चंद्र जेना, रथयात्रा सेवा के

संयोजक रुद्र नारायण महापात्र ने स्वयं उपस्थित रह कर सेवा कार्यों की निगरानी की।

हिन्दुस्थान समाचार- डॉ. समन्वय नंद

हिन्दुस्थान समाचार / जितेन्द्र तिवारी