धर्म और विज्ञान में कोई टकराव नहीं है, दोनों की मंजिल एक: डॉ मोहन भागवत

 






तिरुपति में हुए भारतीय विज्ञान सम्मेलन काे डाॅ भागवत ने किया संबाेधितदुनिया में ब्रह्मोस मिसाइलों की बहुत ज़्यादा डिमांड: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

तिरुपति, 26 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि भारत का आगे बढ़ना तय है, लेकिन हमें सिर्फ सुपरपावर ही नहीं, बल्कि विश्वगुरु भी बनना चाहिए। धर्म और विज्ञान में कोई टकराव नहीं है। बस उनके रास्ते अलग हैं, मंजिल एक ही है।

सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत आंध्र प्रदेश के तिरुपति में शुक्रवार काे आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबाेधित

कर रहे थे। डॉ भागवत ने कहा कि हर किसी को अपना फ़र्ज़ खुद तय करके आगे बढ़ना चाहिए। स्वामी विवेकानंद जैसे लोगों ने सिखाया कि अगर आप सही रास्ते पर चलें तो कुछ भी मुमकिन है। अगर रास्ता सही है, तो आप मंज़िल तक ज़रूर पहुंच सकते हैं। डाॅ भागवत ने कहा कि धर्म और विज्ञान में कोई टकराव नहीं है। बस उनके रास्ते अलग हैं, मंजिल एक ही है। हमारे विकास की सोच का आधार धर्म है। धर्म सिर्फ मजहब नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और ब्रह्मांड के चलने का तरीका है।

सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत एक दशक से स्टार्टअप्स में अपनी जगह बना रहा है। हम स्पेस इकॉनमी में 8वें नंबर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि आईटी और टेलीकॉम सेक्टर में इन्वेस्टमेंट को आसान बनाया गया है। उन्होंने इंडियन साइंस फोरम में बात की। हम ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें नंबर से 38वें नंबर पर पहुंच गए हैं। भारत ने चांद पर एक्सपेरिमेंट में बड़ी कामयाबी हासिल की है। अब दुनिया में हमारी ब्रह्मोस मिसाइलों की बहुत डिमांड है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत वह देश है जिसने दुनिया में सबसे ज़्यादा कोविड वैक्सीन निर्यात की है। मोदी के कार्यकाल में साइंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर का बजट बढ़ा है। हम स्पेस सेक्टर में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को भी बढ़ावा दे रहे हैं। जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम ज़रूरी मिनरल्स के मामले में भी प्राइवेट कंपनियों को इजाज़त दे रहे हैं।

आरएसएस के सरसंघचाल डाॅ मोहन भागवत ने शुक्रवार काे आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। यहां तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों और मंदिर के पुजारियों ने उनका स्वागत किया। दर्शन के बाद मंदिर के पुजारियों ने रंगनायका मंडपम में डाॅ मोहन भागवत को रेशमी वस्त्र भेंट कर उन्हें सम्मानित किया और भगवान का प्रसाद प्रदान दिया।

डाॅ भागवत गुरुवार शाम को ही श्रीवारी के दर्शन के लिए तिरुमाला पहुंच गए थे। यहां गायत्री अतिथि गृह में मंदिर की प्रबंधन के अध्यक्ष बीआर नायडू और कार्यकारी अधिकारी वेंकैया चौधरी ने उनका स्वागत किया। यहां डाॅ भागवत ने परंपरा के अनुसार सबसे पहले वराह स्वामी मंदिर के दर्शन किए थे। बाद में, वे वेंगमम्बा अन्नप्रसाद भवन पहुंचे और अन्नप्रसाद ग्रहण किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव