परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के प्रयोग पर सरकार का फोकस

 


नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के दायरे में आने वाले परिवहन क्षेत्र की पायलट परियोजनाओं को लेकर गुरूवार को एक बैठक की। बैठक भारत के राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (एनडीसी) के लक्ष्यों के अनुरूप, हाइड्रोजन-संचालित वाहनों के विकास और परिवहन क्षेत्र में टिकाऊ समाधानों को बढ़ावा देने की साझा प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई।

बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन की क्षमता की पहचान के लिए परीक्षणों की एक ठोस श्रृंखला होनी चाहिए ताकि हरित हाइड्रोजन के उपयोग के माध्यम से क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लिए एक राष्ट्रीय रोडमैप तैयार किया जा सके। उन्होंने पायलट परियोजनाओं में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की वकालत की । इसके साथ ही उन्होंने हाइड्रोजन-संचालित वाहनों और बैटरी-इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच प्रौद्योगिकी और लागत की व्यापक तुलना करने का आग्रह किया। उन्होंने परिवहन क्षेत्र के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप विकसित करने का भी आग्रह किया और कहा कि इस रोडमैप में पायलट परियोजनाओं, तकनीकी प्रगति और स्थानीय विनिर्माण और स्केलिंग प्रक्रियाओं के माध्यम से लागत में कमी की संभावना का विवरण शामिल होना चाहिए।

बैठक के दौरान मंत्री ने उद्यमियों को आश्वस्त किया कि स्वदेशी विनिर्माण के विकास और विस्तार में प्रगति के साथ लागत में स्वाभाविक रूप से कमी आएगी। उन्होंने बाजार विकास और आगे विकास की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सरकार पहले से निर्धारित रुपये से अधिक धनराशि आवंटित करने के लिए तैयार होगी। राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत परिवहन क्षेत्र के लिए 496 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं।

बैठक में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों और हाइड्रोजन वितरण संस्थाओं, भंडारण और परिवहन एजेंसियों, घटक निर्माताओं, परीक्षण एजेंसियों और मानक बनाने वाले निकायों सहित परिवहन क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/जितेन्द्र