पूरे विश्व में बज रहा भारत की प्राचीन ऋषि परंपरा का डंकाः उप राष्ट्रपति
चित्रकूट, 07 सितंबर (हि.स.)। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चित्रकूट स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आधुनिक जीवन में ऋषि परंपरा विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का शनिवार को उद्घाटन किया। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ऋषि परंपरा का देश है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परंपरा को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी हथियार से युद्ध नहीं जीता जा सकता। हमारा देश ऋषि परंपरा की वजह से ही आज विश्वगुरु की श्रेणी में खड़ा हुआ है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि आज विपक्षी लोग अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते देश की ऋषि परंपरा को नजरअंदाज कर रहे हैं जो किसी मायने में उचित प्रतीत नहीं हो रहा है। ऋषि परंपरा के बल पर ही भारत जल, थल, नभ हर क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहा है। हमारे देश की परंपरा वसुधैव कुटुंबकम् की रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान युद्ध नहीं है। आज भी चारों तरफ नजर दौड़ाएं तो ऋषि परंपरा का सम्मान हमारे देश में ही है। सांस्कृतिक विरासत का धनी देश भारत हमेशा अतुलनीय रहा है। ऋषि परंपरा के मूल सिद्धांतों को अपनाकर चलना आज की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में आयोजित यह संगोष्ठी निश्चित रूप से हम सबको एक नई दिशा देने वाली साबित होगी। क्योंकि यह संगोष्ठी एक महान ऋषि पद्मविभूषण से अलंकृत जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज जी की उपस्थिति में आयोजित हो रही है। उपराष्ट्रपति ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य को दिल्ली में नवनिर्मित उप राष्ट्रपति भवन पर एक दिवसीय प्रवास का आमंत्रण भी दिया। उन्होंने कहा कि जब कोई अपने यहां किसी मनीषी संत को बुलाता है तो सपत्नीक आना होता है। उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए आज यहां सपत्नीक आए हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें बड़ा भाई मानती हैं, जबकि प्रधानमंत्री मोदी उनके मित्र हैं और उप राष्ट्रपति धनखड़ उनके भाई हैं। कार्यक्रम में जगद्गुरू के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास महाराज, प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, नरेंद्र कश्यप और अनिल राजभर, कुलपति प्रो शिशिर कुमार पांडेय समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण