अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत पर लहराएगा रामध्वज, विश्व फलक पर छाएगा उप्र
लखनऊ, 25 जनवरी (हि.स.)। 26 जनवरी को राजपथ से देश की राष्ट्रपति जब भारत का तिरंगा फहरा रही होंगी, तब देश से लगभग साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो पर प्रभु श्रीराम मंदिर और उत्तर प्रदेश पर्यटन का झंडा शान से लहरा रहा होगा। यह गौरव के पल लखनऊ निवासी विरेंद्र सिसोदिया के प्रयास से मिलेंगे।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यह अभियान अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन शुरू हुआ था। सेना से रिटायर्ड और पर्वतारोही विरेंद्र का उद्देश्य लोगों में पर्यटन और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। मंत्री ने बताया कि किलिमंजारो पर चढ़ने के लिए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन तय हुआ था। यह देश के लिए सौभाग्य की बात है कि शुभ दिन में इसकी शुरूआत हुई और इसका समापन भी एक खास दिन को होगा। जब हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा तब रामलला और उत्तर प्रदेश पर्यटन का झंडा अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ पर लहरा रहा होगा।
उन्होंने कहा कि अभी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लाखों लोग प्रतिदिन दर्शन के लिए आ रहे हैं। इससे न सिर्फ वहां के लोगों को आर्थिक मजबूती मिलेगी, बल्कि विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश का एक और स्थान पर्यटन के रूप में विकसित होगा। साथ ही देश-दुनिया को यह संदेश देगा कि पर्यटन पर बहुत कुछ निर्भर करता है। देश की अर्थव्यवस्था, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, वैश्विक खतरों के प्रति चेतना और समाप्त होती वह प्रजातियां जिन्हें छोटे-छोटे प्रयास करके बचाया जा सकता है।
विश्व के सबसे बेहतरीन और सुंदरतम पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा उप्र
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास उत्तर प्रदेश को विश्व के सबसे अधिक आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का है। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी अयोध्या विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित हो रही है। यहां के पर्यटन स्थलों का समूचे विश्व में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/राजेश