पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन स्थगित
22 दिसंबर को होगी पंजाब सरकार के साथ बैठक, प्री-पेड बिजली मीटरों को जारी रहेगा विरोध
चंडीगढ़, 20 दिसंबर (हि.स.)। पंजाब में किसान-मजदूर मोर्चा ने रेल रोको आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान कर दिया है। शुक्रवार को देररात चली बैठक के बाद शनिवार को इस संबंध में ऐलान किया गया है। इस बीच पंजाब सरकार ने लंबित मांगों पर बैठक के लिए 22 दिसंबर को बैठक बुलाई है।
किसान-मजदूर मोर्चा के नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि पंजाब सरकार से बातचीत हो चुकी है और अगली बैठक के लिए सरकार ने पत्र जारी कर दिया है। अब यह बैठक 22 दिसंबर को होगी। उन्होंने कहा कि बिजली संशोधन बिल पर पंजाब सरकार के रुख के कारण रेल रोको आंदोलन को स्थगित किया गया है, लेकिन शंभू और खनौरी सीमाओं पर हुए नुकसान को लेकर बातचीत अभी रुकी हुई है। आंदोलन हटाने के दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, स्टेज, टेंट, लंगर का सामान और एसी कूलर समेत बड़े पैमाने पर तोड़फाेड़ हुई। किसानों का दावा है कि केवल शंभू में करीब 3.77 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि दोनों मोर्चों पर पूरे-पूरे गांव बस गए थे और हटाने के दौरान भारी नुकसान हुआ।
किसान नेता बलदेव सिंह जीरा ने कहा कि बिजली संशोधन बिल के खिलाफ संघर्ष का ऐलान पहले ही किया जा चुका है। शंभू-खनौरी मोर्चों ने ट्रॉली चोरी का मुआवजा, शहीद किसानों को श्रद्धांजलि, दूसरे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों का विरोध और पराली से संबंधित पर्चों को रद्द करने जैसी मांगें उठाई हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिजली संशोधन बिल का विरोध करते हैं। मोर्चों ने शंभू-खनौरी सीमा के नुकसान के मुआवजे पर चर्चा के लिए बनाई गई सरकारी समिति का विरोध किया है।
किसानों ने प्री-पेड बिजली मीटरों और निजीकरण का विरोध दोहराया। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को भेजे गए विरोध पत्र की एक प्रति किसानों के साथ साझा की जाए ताकि जनता सरकार के रुख को समझ सके। मोर्चे का कहना है कि शंभू-खनौरी सीमा पर हुए नुकसान के मुआवजे पर ठोस फैसला न होने के कारण अभी पूरी सहमति नहीं बन पाई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा