कृषि, खनन, ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भारत-मलावी सहयोग बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं: राष्ट्रपति मुर्मु

 


नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गुरुवार को भारत-मलावी व्यापार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कृषि, खनन, ऊर्जा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि मलावी प्राकृतिक भंडारों और उपजाऊ कृषि भूमि से समृद्ध देश है। दूसरी ओर, भारत के पास एक बड़ा उपभोक्ता आधार है, जिसकी बड़ी आबादी के लिए ऊर्जा, खनिज और खाद्यान्न की मांग बढ़ रही है। हमारे दोनों देश कई क्षेत्रों में तालमेल स्थापित करने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि भारत और मलावी के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है। भारत वर्तमान में मलावी का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत मलावी में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है, जिसने विभिन्न क्षेत्रों में 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-मलावी साझेदारी केवल सरकारों तक सीमित नहीं है, क्योंकि अफ्रीका एक महत्वपूर्ण व्यापार और निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। भारत का निजी क्षेत्र इस गति को आगे बढ़ाने में सबसे आगे है। अफ्रीका में विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों, बहुराष्ट्रीय और एसएमई दोनों द्वारा निवेश बढ़ रहा है।

राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-मलावी व्यापार सम्मेलन में हुई चर्चा दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों को विकसित करने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मु आज सुबह तीन अफ्रीकी देशों की अपनी राजकीय यात्रा के अंतिम चरण में लिलोंग्वे, मलावी पहुंचीं। राष्ट्रपति का कामुज़ू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मलावी के उपराष्ट्रपति माइकल उसी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने स्वागत किया। वहीं बच्चों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति के समक्ष एक पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।

यह भारत की ओर से मलावी की पहली राजकीय यात्रा है। राष्ट्रपति के साथ राज्य मंत्री सुकान्त मजूमदार और सांसद मुकेश कुमार दलाल और अतुल गर्ग भी थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार