आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के खिलाफ बंगाल चारुकला परिषद से एक और हस्ती का इस्तीफा

 


कोलकाता, 11 सितंबर (हि.स.) । कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में प्रसिद्ध चित्रकार प्रदोष पॉल ने पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना और सांस्कृतिक मामलों के विभाग के अधीनस्थ स्वायत्त संस्था 'राज्य चारुकला परिषद' से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपनी इस्तीफा पत्र परिषद के अध्यक्ष और प्रसिद्ध कलाकार जोगेन चौधरी को भेज दिया है।

पॉल पिछले एक सप्ताह में परिषद से इस्तीफा देने वाले दूसरे प्रमुख कलाकार हैं। इससे पहले, पांच सितंबर को, प्रसिद्ध चित्रकार सनातन डिंडा ने भी इसी घटना के विरोध में परिषद से इस्तीफा दे दिया था।

प्रदोष पॉल ने अपने इस्तीफे में कहा है कि वे हजारों लोगों की तरह इस भयावह घटना से बेहद दुखी हैं।

उन्होंने कहा है कि एक सामाजिक रूप से जागरूक व्यक्ति के रूप में, मैं इस मामले में जनता के दुःख से खुद को दूर नहीं रख सकता। मेरी भी यही मांग है कि सच सामने आए और असली अपराधियों को सजा मिले। ऐसी स्थिति में मैं किसी भी राज्य सरकार की संस्था से जुड़ा नहीं रहना चाहता। इसलिए मैं अनुरोध करता हूं कि परिषद की सदस्यता से मेरा नाम हटा दिया जाए। मैं परिषद के किसी भी हिस्से से जुड़ा नहीं रहना चाहता।

उल्लेखनीय है कि राज्य चारुकला परिषद की स्थापना 1987 में पूर्ववर्ती वाम मोर्चा शासन के दौरान की गई थी।

हाल ही में, प्रसिद्ध नाटककार चंदन सेन ने भी आरजी कर घटना के विरोध में 2017 में राज्य सरकार द्वारा उन्हें दिए गए दीनबंधु मित्र पुरस्कार को लौटाने का निर्णय लिया। सेन ने पुरस्कार की राशि भी वापस करने की पेशकश की है। यह निर्णय उन्होंने तब लिया जब तृणमूल कांग्रेस के विधायक कंचन मलिक ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ताना मारा।

चंदन सेन ने अपने पत्र में लिखा कि एक विधायक ने राज्य पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर उनका अपमान किया। इसलिए मैंने राज्य सरकार को पुरस्कार लौटाने का निर्णय लिया है। मैंने पुरस्कार की राशि 25 हजार रुपये भी वापस करने का निर्णय लिया है। मैं सिर्फ एक प्रदर्शनकारी के रूप में रहना चाहता हूं।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर