पं. प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर राधा रानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी

 






भोपाल, 29 जून (हि.स.)। राधा रानी वाले बयान पर विवाद में घिरे कुबेरेश्वरधाम के महंत एवं प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को बरसाना पहुंचकर राधा रानी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांग ली। उन्होंने ब्रजवासियों से भी क्षमा मांगी है।

पंडित मिश्रा का बरसाना पहुंचने का पहले से कोई कार्यक्रम तय नहीं था, लेकिन गोवर्धन के संतों ने मिश्रा से कहा था कि ब्रज में उनके खिलाफ बेहद गुस्सा है। माफी मांगना ही इसका समाधान है। इसके बाद पंडित मिश्रा ने तय किया कि वे बरसाना जाएंगे। वे शुक्रवार की रात को अचानक दिल्ली रवाना हुए और शनिवार सुबह दिल्ली पहुंच गए। यहां उनकी ब्रज धाम के कुछ संतों से चर्चा हुई। इसके बाद वे सीधे बरसाना में राधा रानी के मंदिर में पहुंचे। उनके बरसाना पहुंचने से पहले राधा रानी के मंदिर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच पंडित मिश्रा राधा रानी के मंदिर पहुंचे। इस दौरान मंदिर में भीड़ थी। पंडित मिश्रा से यहां धक्का-मुक्की भी हुई। उनके अंगवस्त्र खींचे गए। इस घटनाक्रम के दौरान पंडित मिश्रा असहज दिखे।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी के चरणों में दंडवत प्रणाम करने के बाद कहा कि मैं राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। लाड़ली जी ने खुद इशारा करके मुझे यहां बुलाया, इसलिए मुझे यहां आना पड़ा। मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए माफी मांगता हूं।

गौरतलब है कि पं. प्रदीप मिश्रा ने गत दिनों अपने प्रवचन में कहा था कि राधा के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी, जहां वह सालभर में एक बार आती थीं।

इसके बाद 24 जून को बरसाना के पद्मश्री रमेश बाबा के गहवर वन क्षेत्र स्थित मान मंदिर में साधु-संत, धर्माचार्य और ब्रज के लोगों की महापंचायत हुई थी। इसमें आए लोगों ने कहा कि प्रदीप मिश्रा ने खुद में बदलाव नहीं किया, तो ब्रज में पैर रखते ही उनका सिर धड़ से अलग कर दिया जाएगा। वो राधा रानी के चरणों में आकर नाक रगड़ें और माफी मांगें। महापंचायत में सात संगठनों के लोग शामिल हुए थे। ब्रज के धर्माचार्यों ने प्रदीप मिश्रा को शास्त्रार्थ करने की खुली चुनौती दी। पंडित प्रदीप मिश्रा को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात