प्रधानमंत्री मोदी ने दिया एनडीए सांसदों को महामंत्र, कहा-प्रथम दायित्व देशसेवा

 


नई दिल्ली, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपनी सरकार के तीसरे कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन संसदीय दल की बैठक को संसद पुस्तकालय भवन के जीएमसी बालयोगी सभागार में संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए सांसदों को उनके कर्तव्य निर्वहन का महामंत्र दिया। उन्होंने कहा, सांसदों का प्रथम दायित्व देशसेवा है।

यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की। एनडीए के सभी साथियों ने उनका फूल माला से अभिवादन किया। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को देश की सेवा करने, संसद में नियमों के आधार पर आचरण करने के साथ कई मंत्र दिए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने मीडिया को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने सभी सासंदों का देश की सेवा करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को शुभकानाएं देते हुए कहा कि सांसद किसी भी दल के हों, उनके लिए देश की सेवा प्रथम दायित्व है। देश को ऊपर रख कर काम करना है।

किरण रिजिजू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सासंदों के संसद में आचरण पर भी मार्गदर्शन दिया। प्रधानमंत्री ने हर एक सासंद को अपने -अपने क्षेत्र के विषय को प्रभावी तरीके से रखने के साथ नियम के मुताबिक आचरण करने की सलाह दी। इसके साथ उन्होंने संसादों को अपनी- अपनी रुचि में महारत विकसित करने का आग्रह भी किया । प्रधानमंत्री ने एनडीए के सभी सांसदों से आग्रह किया है कि वे सदन के नियमों और लोकतंत्र की परंपरा के अनुरूप आचरण करें। खासकर पहली बार चुन कर आए सांसदों को सदन के नियमों के अनुरूप आचरण करने का मंत्र दिया।

उन्होंने कहा कि अच्छा सांसद बनने के लिए नियमों की जानकारी के साथ तथ्यों के साथ अपनी बातों को सदन में रखना चाहिए। किरण रिजिजू ने बताया कि बैठक में एनडीए के सभी दलों के बीच अच्छा समन्वय देखने को मिला। बैठक में एनडीए के सभी साथी सम्मलित हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी सासंदों से परिवार सहित प्रधानमंत्री संग्रहालय में जाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सांसदों को देश के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को जानना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए । इसके साथ सासंदों को बेवजह बयानबाजी से बचने की सलाह भी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/मुकुंद