काशी में प्रधानमंत्री बोले-मां गंगा ने मुझे गोद लिया, तीसरी बार चुना जाना ऐतिहासिक
-पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की
-30 हजार से अधिक कृषि सखी महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए
नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। वाराणसी से तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को काशी पहुंचे। उन्होंने देशभर के किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। इसके बाद काशी की जनता का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री मंगलवार को वाराणसी में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद पहली बार मैं काशी आया हूं। बाबा विश्वनाथ, मां गंगा और काशी की जनता के आशीर्वाद से मुझे तीसरी बार देश का प्रधानसेवक बनने का मौका मिला है। काशी की जनता ने मुझे जिताकर धन्य कर दिया। ऐसा लगता है कि अब तो माता गंगा ने भी मुझे गोद ले लिया और मैं यहीं का हो गया हूं। मैं आपका आभारी हूं। उन्होंने कहा कि इस बार देश के चुनावों ने नया इतिहास रच दिया है। दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार है कि किसी सरकार को लगातार तीसरी बार चुना गया हो। भारत की जनता ने यह कर दिखाया है। उन्होंने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि वे दिन-रात ऐसे ही मेहनत करेंगे और लोगों के सपनों और संकल्पों को पूरा करने के लिए हर प्रयास करेंगे।
तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की 17वीं किस्त जारी की। अब तक 11 करोड़ से अधिक पात्र किसान परिवारों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना बन गई है। उन्होंने कहा कि हम पैकेज्ड फूड के वैश्विक बाजार में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनका सपना है कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कुछ अनाज या फल उत्पाद होना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की 30 हजार से अधिक कृषि सखी महिलाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए। कृषि सखी कन्वर्जेंस कार्यक्रम (केएससीपी) का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं का कृषि सखी के रूप में सशक्तिकरण करते हुए कृषि सखी महिलाओं को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करके, ग्रामीण भारत की तस्वीर को बदलना है। यह प्रमाणन पाठ्यक्रम ‘‘लखपति दीदी’’ कार्यक्रम के उद्देश्यों के भी अनुरूप है।
कृषि सखी के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई हैं। आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। आज 3 करोड़ बहनों को लखपति बनाने की तरफ भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों से सुनिश्चित करेगी।
काशी से अपने रिश्ते की बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें लगता है कि मां गंगा ने जैसे उन्हें गोद ले लिया है। वे यहीं के हो गये हैं। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद, काशीवासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है।
उन्होंने कहा कि काशी ने सारी दुनिया को ये दिखाया है कि हेरिटेज सिटी भी अर्बन डेवलमेंट का नया अध्याय लिख सकती है। विकास और विरासत का मंत्र भी काशी में हर जगह दिखाई दे रहा है। पिछले 10 वर्षों में काशी के किसानों के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने पूरे समर्पण भाव से काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरूआत सबसे पहले किसान, नौजवान, नारीशक्ति और गरीब के सशक्तिकरण से की है। सरकार बनते ही देश में गरीब परिवारों के लिए 3 करोड़ नए घर, पीएम किसान सम्मान निधि और अन्य फैसले लिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप /रामानुज