देश भर में दिव्यांगों के लिए नवनिर्मित 35 नए जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों का उद्घाटन
नई दिल्ली, 07 मार्च (हि.स.)। दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण और उनके पुनर्वास के लिए दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग ने 35 नए जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों (डीडीआरसी) की स्थापना की हैं। गुरुवार को देशभर में स्थापित इन 35 नए जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने वर्चुअल उद्घाटन किया। दिव्यांगता पुनर्वास केंद्र की संख्या मध्य प्रदेश में 13, आंध्र प्रदेश में 07, ओडिशा में 06, त्रिपुरा में 04, महाराष्ट्र में 02, असम, नगालैंड और मणिपुर में 1-1 है।
इस अवसर पर डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि हमारे दिव्यांगजन मित्र जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नाम रोशन कर रहे हैं। दिव्यांगजनों को सर्वोत्तम संभव सेवाएं प्रदान करना हमारी सरकार की प्राथमिकता और परम कर्तव्य रहा है। इसलिए हमने केंद्रीय योजना दिशा-निर्देशों में भी कई बदलाव किए हैं ताकि डीडीआरसी के सुचारु संचालन में सहायता मिल सके।
डॉ वीरेंद्र कुमार ने नए स्थापित डीडीआरसी केंद्रों की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी केंद्र टेली-मेडिसिन सेवाएं प्रदान करने, यूडीआईडी कार्ड पंजीकरण में दिव्यांगजनों की मदद करने इत्यादि जैसी नई प्रोद्योगिकियों को भी अपनाएंगे। डॉ वीरेंद्र कुमार ने गैर-सरकारी संगठनों का आह्वान किया कि वह भी पुनर्वास सेवाओं में उत्कृष्ट केंद्र के रूप में स्वयं को साबित करें।
इस मौके पर प्रतिमा भौमिक ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिव्यांग भाई-बहनों के लिए संवेदनशीलता का परिणाम है। डीडीआरसी दिव्यांगजनों के लिए जमीनी स्तर पर पुनर्वास प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इससे दिव्यांग भाई-बहनों को दूर-दराज के इलाके में सुविधा के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि दिव्यांगजनों के हित के लिए पिछले कई वर्षों में कई सारी योजनाएं लाई गई हैं। हमारा यह प्रयत्न है कि देश के हर कोने में 100 किलोमीटर के अंदर दिव्यांगजनों के लिए हमारा कोई न कोई केंद्र जरूर मौजूद हो, चाहे सीआरसी, डीडीआरसी, डीडीआरएस या अन्य केंद्र हों।
जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों द्वारा दी जाने वाली सेवाएं व सुविधाएं
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा स्थापित यह नए जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों द्वारा चिकित्सा, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, पुनर्वास सेवाओं, प्रारंभिक पहचान, हस्तक्षेप और सहायक उपकरणों के फिटमेंट के प्रावधान के लिए दिव्यांगजनों के लिए वन-स्टॉप समाधान, यूडीआईडी पंजीकरण के लिए सुविधा केंद्र, दिव्यांगों को ऋण, बस पास और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अन्य रियायतें/सुविधाएं, प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स, फिजियोथेरेपी, भाषण और श्रवण थेरेपी, विशेष शिक्षा, माता-पिता परामर्श आदि सुविधाएं दिव्यांगजनों को उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही इन डीडीआरसी द्वारा जागरूकता सृजन और विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार, सरकारी और धर्मार्थ संस्थानों के माध्यम से सर्जिकल सुधार की रेफरल व्यवस्था भी की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल