डॉ प्रवीण तोगड़िया ने निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर का किया अवलोकन
पूर्वी चंपारण,05 अप्रैल (हि.स.)। जिले में कल्याणपुर प्रखंड के कैथवलिया गांव में बन रहे विराट रामायण मंदिर का अवलोकन करने आचार्य कृणाल किशोर के साथ गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण तोगाड़िया पहुंचे।
निर्माणाधीन मंदिर का अवलोकन करने के बाद प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि सनातन धर्म शाश्वत है। यह सकारात्मक उर्जा का संचार के साथ मन को असीम शांति प्रदान करती है। विराट रामायण मंदिर भारत ही नही दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्म का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि यहां अध्यात्म के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
तोगड़िया ने आचार्य किशोर कुणाल की प्रशंसा करते कहा कि इन्होंने बहुत बड़े कार्य बीड़ा उठाया है।जिसके पूर्ण होने के बाद विश्व भर में भारत का मान बढेगा। उन्होंने कृणाल किशोर से कहा कि पटना में महावीर कैंसर संस्थान की तरह यहां भी शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था करें।
उल्लेखनीय है,कि विश्व के सबसे ऊंचे शिखर वाले विराट रामायण मंदिर के पायलिंग निर्माण कार्य सन्टेक इन्फ्रा सलुसन प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी द्वारा पूरा कर लिया गया है।जिसके कैंपिंग कार्य भी एक माह में पूरा कर लिया जायेगा। जिसके बाद मंदिर के अन्य संरचना कार्य के लिए टेण्डर निकाला जायेगा। पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के तत्वाधान में बन रहे विराट रामायण मंदिर में सहस्त्रालिंगम शिवलिंग की स्थापना की जायेगी। जिसका समय वर्ष 2025 निर्धारित की गई है।
ट्रस्ट के सचिव के अनुसार सहस्त्रालिंगम शिवलिंग का निर्माण तामिलनाडु के चेंगलपट्टू जिला के महाबलीपुरम में किया जा रहा है। जिसमें 1008 छोटे छोटे शिवलिंग बने होंगे। शिवलिंग बनाने के लिए ग्रेनाइट पत्थर को तराशने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।बताते चले कि विराट रामायण मंदिर के समीप से ही सीतामढ़ी से चकिया होते हुए अयोध्या जाने रामजानकी उच्च मार्ग का भी निर्माण हो रहा है।मंदिर निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियरों ने बताया कि अब तक कुल 3255 पायलिंग किया गया है। पायलिंग तीन कैटेगरी में किया गया है। जिसमे 09 मीटर, 11 मीटर एवं 30 मीटर का पायलिंग शामिल है।
पायलिंग के कैंपिंग के बाद मंदिर परिसर के चारों तरफ बाउण्ड्री का निर्माण किया जाएगा। यह मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा व 270 फीट ऊंचा होगा। मंदिर की वास्तुकला खमेर हिन्दू शैली से प्रेरित होगा। इस मंदिर में दक्षिण भारत के पौराणिक मंदिरों की झलक मिलेगी।
हिन्दुस्थान समाचार
/गोविन्द