संसद पर आतंकी हमले के बलिदानियों को दी गई श्रद्धांजलि

 


नई दिल्ली, 13 दिसंबर (हि.स.)। उप राष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में बुधवार को संसद पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्रियों, संसद के वर्तमान और पूर्व सदस्यों, बलिदानियों के परिवार के सदस्य तथा अन्य विशिष्टजनों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने भी बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

वर्ष 2001 में इसी दिन राज्यसभा सचिवालय के सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी, कमलेश कुमारी, दिल्ली पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक नानक चंद और रामपाल, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, विजेंद्र सिंह और घनश्याम तथा केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग में माली देशराज ने आतंकी हमले से संसद की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया था। जगदीश प्रसाद यादव, मातबर सिंह नेगी और कमलेश कुमारी के नि:स्वार्थ बलिदान के सम्मान में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से अलंकृत किया गया था। नानक चंद, रामपाल, ओम प्रकाश, विजेंद्र सिंह और घनश्याम को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से अलंकृत किया गया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पोस्ट में लिखा कि 22 साल पहले आज ही के दिन देश के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व को मिटाने और हमारे लोकतंत्र के मंदिर को नुकसान पहुंचाने की आतंकियों की नापाक योजना को बहादुर सुरक्षाकर्मियों ने नाकाम कर दिया था। नौ लोगों ने मातृभूमि के लिए इस दौरान अपनी जान कुर्बान कर दी। राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा। उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। आज मानवता के समक्ष बने सबसे बड़े खतरे आतंकवाद को उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं।

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने एक्स पोस्ट में लिखा कि इस अवसर पर वे 2001 में हमारी संसद पर हमले के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले साहसी सुरक्षाकर्मियों को याद करते हैं। भारत उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए सदैव उनका ऋणी रहेगा। आतंकवाद दुनिया भर में मानवता के लिए खतरा बना हुआ है।

प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा कि आज हम 2001 में संसद हमले में बलिदान हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद करते हैं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। खतरे के सामने उनका साहस और बलिदान हमारे देश की स्मृति में हमेशा अंकित रहेगा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लिखा, “संसद भवन परिसर में आतंकी हमले के दौरान लोकतंत्र के इस सर्वोच्च मंदिर की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों और संसदीय कर्मचारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। निष्ठा, समर्पण और कर्तव्यपरायणता का जो उदाहरण उन्होंने प्रस्तुत किया, वह देशवासियों के लिए वंदनीय है।”

हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/पवन