अंगदान के जरिए कई लोगों को मिल सकता है नया जीवनः एलएस चांगसन
नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव एल.एस. चांगसन ने शुक्रवार को कहा कि अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बेहद जरूरी है। अंगदान से कई मरीजों को नई जिंदगी मिल सकती है।
चांगसन शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में अंगदान के महत्व पर बेहतरीन ढंग से प्रकाश डाला है और इस बात पर जोर दिया है कि मृत्यु के बाद अंगदान करने वाला एक व्यक्ति आठ रोगियों को नया जीवन दे सकता है। उन्होंने देश में अंगदान की जरूरत को पूरा करने के लिए मृत्यु के बाद अंगदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करते हुए चांगसन ने कहा, भारत सरकार ने अंगदान और प्रतिरोपण के लिए एक राष्ट्र, एक नीति की नीति अपनाई है और राज्य सरकारों के साथ इस संबंध में परामर्श प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हमारा ध्यान खासकर सरकारी संस्थानों में अंग प्रतिरोपण के लिए बुनियादी ढांचे को तैयार करने और प्रशिक्षित कर्मचारियों की उपलब्धता में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही अंगदान जन जागरूकता अभियान के नाम से एक अभियान शुरू किया है, जो विभिन्न राज्यों और संस्थानों में सक्रिय रूप से चल रहा है ।
इस मौके पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि भारत में अंग और ऊतक प्रतिरोपण के क्षेत्र में एनओटीटीओ ने अग्रणी भूमिका निभाई है। चिंतन शिविर आत्मनिरीक्षण का अवसर प्रदान करता है ताकि इस संबंध में व्यवस्था बनाई जा सके।
उन्होंने कहा, हमारे देश में दान यानी परोपकार की परंपरा रही है। हमें सरकारी और निजी अस्पतालों दोनों में अंगदान को यथासंभव प्रोत्साहित करना चाहिए।
इस अवसर पर स्वास्थ्य सेवाओं (डीजीएचएस) के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल, राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रतिरोपण संगठन (एनओटीटीओ) के निदेशक डॉ . अनिल कुमार और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव वंदना जैन समेत कई गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी