अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला नेतृत्व पर कार्यक्रम आयोजित

 


नई दिल्ली, 9 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के नेटवर्क (आईयूआईएनडीआरआर-एनआईडीएम) ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम की मेजबानी की।

‘डीआरआर में महिला नेतृत्व’ विषय पर यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया गया। इसमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला नेतृत्व की सर्वोत्तम प्रथाओं पर एक सार-संग्रह का विमोचन किया गया। साथ ही गृह मंत्रालय द्वारा समर्थित राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण अनुसंधान सुविधा का उद्घाटन किया गया।

आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर प्रधानमंत्री के दस सूत्री एजेंडे के अनुरूप, आईयूआईएनडीआरआर का लक्ष्य आईआईटी और आईआईएम सहित उच्च शिक्षा संस्थानों की विशेषज्ञता का उपयोग करना है। इसका मकसद डीआरआर में नवाचार को बढ़ावा देना और जोखिम का सामना करने वाले समुदायों की मजबूती बढ़ाना है।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम और भागीदार संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। कार्यक्रम का उद्घाटन राजेंद्र रत्नू (ईडी, एनआईडीएम), संजीव कुमार जिंदल (अतिरिक्त सचिव), और कमल किशोर (सदस्य सचिव, एनडीएमए), राजेंद्र सिंह, सदस्य एनडीएमए सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों ने किया।

एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र रत्नू ने हर पहलू में महिलाओं के नेतृत्व और एनआईडीएम द्वारा की गई पहल पर जोर दिया। सरोजिनी जी. ठाकुर की अध्यक्षता और इंद्रा मल्लो की सह-अध्यक्षता में आपदा जोखिम न्यूनीकरण में महिला नेतृत्व पर पैनल चर्चा में डीआरआर में महिलाओं द्वारा उठाए गए कदमों के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। एनआईडीएम की ब्रांड एंबेसडर मैथिली ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं।

प्रोफेसर संतोष कुमार ने समापन खंड में सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को सुरक्षित और सशक्त भविष्य के लिए एक साथ हाथ मिलाने के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में डीआरआर की उन्नति के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/दधिबल