नए नियम से ऊर्जा क्षेत्र में घाटा होगा कम, उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में होंगे सक्षम : आरके सिंह
नई दिल्ली, 15 जनवरी (हि.स.)। ऊर्जा भंडारण क्षमता की तेजी से स्थापना करके ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए नए नियम निर्धारित किए गए हैं। अब एक निर्दिष्ट मात्रा से अधिक भार और ऊर्जा भंडारण प्रणाली (ईएसएस) रखने वाले उपभोक्ताओं को लाइसेंस की आवश्यकता के बिना समर्पित ट्रांसमिशन लाइनें स्थापित करने, संचालित करने और बनाए रखने की अनुमति है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने श्रम शक्ति भवन स्थित मंत्रालय में नियमावली जारी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से वितरण कंपनियों का घाटा 2014 में 27 प्रतिशत से कम होकर 2022-23 में 15.41 प्रतिशत हो गया था। ये नए नियम सुनिश्चित करेंगे कि उनका घाटा और कम हो और उनकी गुणवत्ता बढ़े, जिससे वे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सकें। उद्योग के लिए समर्पित ट्रांसमिशन लाइनों के लिए लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करने से उद्योग के लिए व्यापार करने में आसानी होगी, जिससे औद्योगिक विकास तेज होगा और अधिक रोजगार सृजन होगा।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि नए नियम में प्रावधान के तहत ऊर्जा भंडारण प्रणाली स्थापित करने वाला कोई व्यक्ति या कोई उपभोक्ता ट्रांसमिशन सिस्टम को ग्रिड से जुड़ने के लिए समर्पित ट्रांसमिशन लाइन की स्थापना, संचालन या रखरखाव के लिए लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। जिसका लोड अंतरराज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम के मामले में पच्चीस मेगावाट और इंट्रा-स्टेट के मामले में दस मेगावाट से कम न हो।
केंद्रीय मंत्री ने ओपन एक्सेस शुल्क को तर्कसंगत बनाने पर भी बात की। उन्होंने कहा कि उद्योग द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा को तेजी से अपनाया जा सकेगा, जिससे उत्सर्जन में कमी आएगी। ऐसी सुविधा की अनुमति देने से देश में थोक उपभोक्ताओं की एक नई श्रेणी उभरेगी, जो अधिक किफायती बिजली और बढ़ी हुई ग्रिड विश्वसनीयता से लाभान्वित होगी। यह सुविधा उत्पादन कंपनियों और कैप्टिव उत्पादन स्टेशनों के लिए पहले से ही उपलब्ध थी। उन्होंने कहा कि ओपन एक्सेस शुल्कों को तर्कसंगत बनाने के लिए व्हीलिंग शुल्क, राज्य ट्रांसमिशन शुल्क और अतिरिक्त अधिभार जैसे विभिन्न ओपन एक्सेस शुल्क निर्धारित करने के तरीकों के साथ नए नियम निर्धारित किए गए हैं। सामान्य नेटवर्क एक्सेस या ओपन एक्सेस का लाभ उठाने वाले व्यक्ति के लिए, अतिरिक्त अधिभार क्रमबद्ध तरीके से कम किया जाएगा और सामान्य नेटवर्क एक्सेस या ओपन एक्सेस प्रदान करने की तारीख से चार साल के भीतर समाप्त हो जाएगा। यह भी प्रावधान है कि अतिरिक्त अधिभार केवल ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए लागू होगा जो संबंधित वितरण लाइसेंसधारी के उपभोक्ता हैं या रहे हैं। इस प्रकार, जो व्यक्ति कभी भी वितरण लाइसेंसधारी का उपभोक्ता नहीं रहा है, उसे अतिरिक्त अधिभार नहीं देना होगा।
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों के नियामकों ने एक बड़ा राजस्व अंतर पैदा कर दिया था, जिससे बिजली खरीद लागत सहित विभिन्न लागतों की अनुमति न मिलने के कारण वितरण कंपनियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा। नए नियम के तहत प्राकृतिक आपदा स्थितियों को छोड़कर अनुमोदित वार्षिक राजस्व आवश्यकता और अनुमोदित टैरिफ से अनुमानित वार्षिक राजस्व के बीच कोई अंतर नहीं होगा। आपदा स्थिति में भी अनुमोदित वार्षिक राजस्व आवश्यकता के तीन प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। इस नियम में विलंब भुगतान अधिभार की आधार दर पर लागत के साथ इस तरह के अंतर को अधिकतम अगले तीन वित्तीय वर्ष से समान वार्षिक किश्त में देनी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/जितेन्द्र