तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का अनावरण
नई दिल्ली, 11 मार्च (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सोमवार को तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का अनावरण किया। इसके साथ जन्म से तीन साल तक के बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए राष्ट्रीय ढांचे को भी तैयार किया गया है। राष्ट्रीय सार्वजनिक सहयोग और बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) नए पाठ्यक्रम और राष्ट्रीय रूपरेखा के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देगा। पोषण ट्रैकर में पाठ्यचर्या और रूपरेखा दोनों के प्रावधान भी शामिल किए जाएंगे।
तीन से छह वर्ष की आयु के बच्चों के संबंध में ईसीसीई 2024 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में मूलभूत चरण 2022 (एनसीएफ-एफएस) के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार विकास के सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिसमें शारीरिक अंगों का सुचारू रूप से काम करना, संज्ञानात्मक, भाषा और साक्षरता, सामाजिक-भावनात्मक, सांस्कृतिक शामिल हैं। सौंदर्यबोध के साथ-साथ सकारात्मक आदतों को भी इसके दायरे में रखा गया है। इसका उद्देश्य सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल तरीके से प्रस्तुत योग्यता-आधारित पाठ योजनाओं और गतिविधियों को प्राथमिकता देकर आंगनबाड़ी केंद्र में किए गए ईसीसीई की गुणवत्ता में सुधार करना है। यह बताता है कि प्राथमिक विद्यालय की तैयारी के लिए बच्चे प्रारंभिक वर्षों में कैसे सीखते हैं। इसके लिए खेल-खेल में आनंद-आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पाठ्यक्रम को एक साप्ताहिक कैलेंडर में ढालने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें 36 सप्ताह की सक्रिय शिक्षा, आठ सप्ताह का सुदृढीकरण और चार सप्ताह की शुरुआत के साथ ही एक सप्ताह में 51 दिन की खेल-आधारित शिक्षा तथा एक दिन में गतिविधियों के तीन ब्लॉक शामिल हैं। यह गतिविधियों का एक संयोजन प्रदान करता है, जिसमें केंद्र में और घर में, इनडोर और आउटडोर, बाल नीत और शिक्षक नीत गतिविधियां शामिल हैं। प्रगति पर नज़र रखने, सीखने को तैयार करने और प्रत्येक बच्चे की अनूठी यात्रा की सराहना करने के लिए मजबूत मूल्यांकन उपकरण उपलब्ध किए जाते हैं। प्रत्येक गतिविधि में दिव्यांग बच्चों की स्क्रीनिंग, समावेशन एवं रेफरल पर विशेष ध्यान दिया गया है। मासिक ईसीसीई दिनों और प्रत्येक सप्ताह के लिए घरेलू शिक्षण गतिविधियों की निरंतरता के माध्यम से सामुदायिक जुड़ाव को सुविधाजनक बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय देशभर में 13.9 लाख आंगनबाड़ी केंद्र चलाता है, जो छह साल से कम उम्र के 8 करोड़ से अधिक बच्चों की देखभाल करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / विजयलक्ष्मी/प्रभात