दुर्गापुर दुष्कर्म पीड़िता के लिए एनसीडब्ल्यू ने मांगी शैक्षणिक राहत और सुरक्षा उपाय

 


कोलकाता, 13 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार मेडिकल छात्रा के लिए शैक्षणिक राहत और बेहतर सुरक्षा उपायों की सिफारिश की है, ताकि उसकी पढ़ाई बाधित न हो और मानसिक व शारीरिक रूप से उसका पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर ने सोमवार को राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भेजी गई सिफारिशों में कहा कि पीड़िता को हुए गहरे आघात के कारण उसकी आगामी परीक्षा छूट सकती है, इसलिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) और विश्वविद्यालय प्रशासन को विशेष परीक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।

एनसीडब्ल्यू की सदस्य अर्चना मजूमदार ने घटना के बाद तथ्य-जांच दौरा किया था, जिसके आधार पर आयोग ने कुल 11 बिंदुओं वाली सिफारिशें जारी की हैं। इनमें कहा गया है कि यदि पीड़िता अपने मौजूदा संस्थान में असुरक्षित महसूस करती है, तो राज्य सरकार और एनएमसी को मिलकर उसे किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि उसकी सुरक्षा और शिक्षा दोनों बनी रहें।

आयोग ने अस्पताल से एक सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट मांगी है और एनएमसी को निर्देश दिया है कि वह एक माह में मेडिकल कॉलेज की अवसंरचना, सुरक्षा और वैधानिक अनुपालन की स्थिति की तत्काल जांच करे।

विजय रहाटकर ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा किसी भी स्थिति में समझौते का विषय नहीं हो सकती। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध त्वरित और उदाहरणीय कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि न्याय में देरी, न्याय से वंचित करने के समान है।

अन्य प्रमुख सिफारिशों में पीड़िता को नि:शुल्क और सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान करने, आरोपितों के खिलाफ त्वरित न्यायालय में सुनवाई सुनिश्चित करने, कॉलेज परिसर में पुलिस चौकी स्थापित करने, साथ ही मुख्य सड़कों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश शामिल हैं।

एनसीडब्ल्यू ने कहा है कि आयोग इस मामले की निगरानी तब तक करेगा जब तक पीड़िता को न्याय नहीं मिल जाता।-----------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर