पश्चिम बंगाल मुस्लिम एसोसिएशन ने की ओबीसी आरक्षण पर चर्चा
कोलकाता, 29 मई (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हाल ही में बड़ी संख्या में ओबीसी के आरक्षण प्रमाणपत्र रद्द कर दिये। इसी मुद्दे पर बुधवार को कोलकाता प्रेस क्लब में ओबीसी आरक्षण पर परिचर्चा हुई। पश्चिम बंगाल मुस्लिम एसोसिएशन के महासचिव पद्मश्री काजी मासूम अख्तर, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एंताज अली शाह और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोग उपस्थित रहे। चर्चा में आलिया यूनिवर्सिटी, जादवपुर यूनिवर्सिटी समेत राज्य के कई शैक्षणिक संस्थानों के अल्पसंख्यक छात्र भी मौजूद रहे। मौजूद छात्रों ने कहा कि यह प्रचारित किया जा रहा है कि राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए विकास किया है, जबकि कुछ ने कहा कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
इस संदर्भ में कहा गया कि आलिया यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने कहा कि यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला को ठीक करना, सरकार द्वारा दिए जाने वाले भत्ते से ज्यादा जरूरी बुनियादी ढांचे का समग्र विकास करना है। एक अन्य छात्र ने बताया कि राजनीति में अल्पसंख्यकों को हमेशा शतरंज के मोहरों के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। न तो पिछली राज्य सरकार और न ही बंगाल के वर्तमान शासकों ने अल्पसंख्यकों का कोई वास्तविक विकास किया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जरूरत है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी अल्पसंख्यकों का समग्र विकास है।
पश्चिम बंगाल मुस्लिम एसोसिएशन के महासचिव पद्मश्री काजी मासूम अख्तर ने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों को लेकर राजनीति किए बगैर वास्तविक विकास किया जा सके तो यह समाज के लिए अच्छा होगा।
काजी मासूम अख्तर ने यह भी कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख राज्य की सत्ताधारी पार्टी को वोट देने की बात कर रहे हैं, जो अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ने चुनावी जनसभा से साधु-संतों पर हमला बोला है। काजी मासूम अख्तर ने भी कहा कि वह इसका सख्त विरोध करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा/आकाश