(अपडेट )अटल जी ने अपनी पहल एवं नवाचारों से रखी आधुनिक भारत के विकास की आधारशिलाः उप राष्ट्रपति

 










-पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जन्म जयंती - उपराष्ट्रपति ने ‘शून्य से शतक’ कार्यक्रम में चार विद्वानों को ‘अटल अलंकरण’ से किया सम्मानित

इंदौर, 21 दिसंबर (हि.स.)। देश के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचार और मिशन थे। उनके कर्म, आदर्श और सुशासन की दृष्टि आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक प्रकाश हैं। उपराष्ट्रपति रविवार को मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान इंदौर में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जन्म जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित ‘शून्य से शतक’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान अटल सरकार की प्रमुख उपलब्धियों-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, दिल्ली मेट्रो, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड जैसे नए राज्यों का गठन तथा पोखरण परमाणु परीक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि इन पहलों ने आधुनिक भारत की नींव को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि स्व. अटल जी की विरासत को आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं और देश को विकसित भारत–2047 के लक्ष्य की ओर दृढ़ता से अग्रसर कर रहे हैं। स्व. अटल जी भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच न हों, लेकिन उनके आदर्श सदैव हमारे हृदयों में जीवित रहेंगे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मां अहिल्या की पावन धरती इंदौर पर आकर उन्हें विशेष प्रसन्नता है। अटल फाउंडेशन के मंच से उन्होंने स्व. अटल जी के जीवन, व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि स्व. अटल जी संवाद, समावेशी विकास और मानवीय सुशासन में विश्वास रखते थे। सांसद, कवि और प्रधानमंत्री—हर भूमिका में उन्होंने सार्वजनिक जीवन को गरिमा प्रदान की और यह सिद्ध किया कि राजनीति सिद्धांतनिष्ठ और करुणामय भी हो सकती है।

इस गरिमामय समारोह में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने चार प्रतिष्ठित विद्वानों को ‘अटल अलंकरण’ से सम्मानित किया।

कार्यक्रम में केंद्रीय नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव तथा अटल फाउंडेशन की अध्यक्ष माला वाजपेयी तिवारी विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

स्व. अटल जी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में देशभर में वर्षभर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में वर्ष के समापन से पूर्व इंदौर में ‘शून्य से शतक’ कार्यक्रम आयोजित कर उनके विचारों, योगदान और व्यक्तित्व का स्मरण किया गया। समारोह के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रेषित शुभकामना संदेश का वाचन भी किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी अपने विचार रखे। पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया ने कविता पाठ के माध्यम से स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इन विभूतियों को मिला ‘अटल अलंकरण’

इस अवसर पर प्रसिद्ध कवि सत्यनारायण सत्तन, पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, भारतीय क्रिकेट टीम चयन समिति के पूर्व चयनकर्ता संजय जगदाले तथा सागर के पारंग शुक्ला को ‘अटल अलंकरण’ से सम्मानित किया गया। समारोह में स्व. अटल जी के जीवन पर आधारित एक भावपूर्ण लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। साथ ही अटल जी से जुड़े संस्मरणों पर आधारित पुस्तक सदा अटल महाग्रंथ के तृतीय संस्करण के कवर पेज और कैलेंडर का विमोचन भी किया गया। अटल फाउंडेशन की माला तिवारी वाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया।

लोकमाता अहिल्याबाई की प्रतिमा का अनावरण

समारोह से पूर्व उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के डेली कॉलेज परिसर में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा का अनावरण किया और उनके सुशासन, सामाजिक न्याय, धर्मनिष्ठा तथा लोककल्याणकारी कार्यों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

इंदौर एयरपोर्ट पर दी गई विदाई

कार्यक्रम में सहभागिता के पश्चात उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन इंदौर से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डे पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर विदाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर का मोमेंटो भी उपराष्ट्रपति को प्रदान किया।--------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर