पांच दिन विदेश में और ले आए मप्र में मोहन 78 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव

 


-विदेशी निवेशकों को मप्र सरकार ने तुरंत उपलब्ध कराए भूमि आवंटन-पत्र

भोपाल, 30 नवंबर (हि.स.)। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी छह दिवसीय विदेश यात्रा खत्म करने के बाद राज्‍य में लौट आए हैं। उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान यूके और जर्मनी का दौरा किया और विदेशी निवेशकों को मध्य प्रदेश में निवेश करने का आमंत्रण दिया, जिसमें कि निवेशक उनकी बातों को सुन और भारत में हर तरफ के लिए राज्‍य से जाने की कनेक्टिविटी के लिए पर्याप्‍त संसाधन एवं सुविधाएं होने की जानकारी प्राप्‍त करते ही इन दो देशों के निवेशकों ने खुलकर मप्र में निवेश करनी के लिए अपनी सहमति दे दी है। जिसमें कि कई विदेशी निवेशकों को सरकार ने तुरंत ही भूमि आवंटन पत्र भी उपलब्‍ध करा दिए। मप्र को 78 हजार करोड़ से अधि‍क के निवेश प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं।

इस सबंध में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से विकसित मध्य प्रदेश के लिए यूके और जर्मनी का निवेश संबंधी मेरा प्रवास सफल रहा है । दोनों देश के उद्यमी पूंजी निवेश के साथ तकनीक के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश में आने को लेकर उत्साहित हैं। श्रीमोदी की ग्लोबल लीडर वाली उत्कृष्ट छवि का लाभ मध्यप्रदेश को यूके-जर्मनी की 6 दिवसीय यात्रा में मिला है। इसी का परिणाम है कि इस यात्रा में लगभग 78 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव उद्योगपतियों और निवेशकों से प्राप्त हुये हैं। इससे प्रदेश के समग्र विकास और टेक्नो-फ्रेण्डली युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। डॉ. यादव ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य न केवल निवेश आकर्षित करना था, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगों, शोध केंद्रों, शिक्षा केंद्रों, सांस्कृतिक केंद्रों का भ्रमण कर उन क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं के लिये रोजगार के अवसरों का सृजन करना था। मध्यप्रदेश को ग्लोबल इन्वेस्टमेंटस, टेक्नोलॉजिकल पार्टनरशिप और कल्चरल सेन्टर के रूप में स्थापित करना भी था। यात्रा, भारत में मध्यप्रदेश को फ्यूचर रेडी स्टेट के रूप में प्रस्तुत करने और विभिन्न सेक्टर्स में साझेदारी को बढ़ावा देने के लक्ष्य को दृष्टिगत रखते हुए की गई। यात्रा में फरवरी- 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के प्रसार एवं निवेशकों को आकर्षित करने का समग्र और सशक्त प्रयास भी किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यूके एवं जर्मनी की यात्रा में निवेश के लिये फोकस सेक्टर खनिज, सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक व्हीकल (ईवी), नवकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, खाद्य प्र-संस्करण थे। प्रदेश सरकार के यूके और जर्मनी दौरे में निवेशकों के साथ राज्य में औद्योगिक, तकनीकी और पर्यावरणीय विकास को गति देने के लिये निवेश को बढ़ावा देने गहन चर्चा की। जर्मनी में विशेष रूप से तकनीकी अनुसंधान, हरित ऊर्जा, और औद्योगिक विकास पर चर्चा की गई। यहाँ पर्यावरणीय स्थिरता के साथ उद्योगों को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

100 करोड़ का निवेशक कम्पनी को तत्काल भूमि आवंटन निर्णय से प्रभावित हुए विदेश निवेशक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विदेशी निवेशक फ्युचर रेडी स्टेट मध्यप्रदेश की इंडस्ट्रियल फ्रेण्डली पॉलिसी से अत्यधिक प्रभावित नजर आये। जब उन्हें अधिकारियों और कंपनी प्रमुख से चर्चा उपरांत तत्काल कंपनी को भूमि आवंटन का निर्णय लेकर आवंटन-पत्र सौंपा गया। तकनीकी क्षेत्र में जर्मनी और भारत की कंपनी द्वारा संयुक्त रूप भोपाल के अचारपुरा में इकाई लगाने के लिये सागर रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में प्रस्ताव दिया गया था। इस कंपनी के जर्मन निवेशक को जर्मनी में भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किया गया। कंपनी द्वारा भोपाल में 100 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया जाएगा।स्वास्थ्य और फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश पर हुई चर्चा में उत्साहवर्धक परिणाम मिले। इस सेक्टर में 3000 करोड़ रूपये का निवेश प्रस्ताव मिला है। कंपनी अपना प्लांट इंदौर के स्मार्ट इंडस्ट्रियल पार्क में लगाएगी। कंपनी द्वारा मध्यप्रदेश की नीति का अवलोकन कर अपनी संपूर्ण सहमति दी गई। हेल्थ सेक्टर में कार्य करने वाली कम्पनी के प्रबंधकों से चर्चा कर भूमि आवंटित करने का तत्काल निर्णय लिया गया। स्वास्थ्य क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा उपकरण और दवाओं के उत्पादन के लिए निवेशकों को आकर्षित किया गया है।

प्रचुर खनिज संसाधनों का रोजगार सृजन में मिलेगा योगदान

विदेश यात्रा में राज्य में खनिज संसाधनों के प्रचुर भंडार के बेहतर उपयोग के लिये विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना पर ध्यान केन्द्रित किया गया। माइनिंग और मेटल इंडस्ट्रीज को आधुनिक तकनीकों से लैस करने और इन क्षेत्रों में विदेशी निवेश आकर्षित करने पर भी गहन चर्चा की गई। इस्पात इंटरनेशनल, इंडोरामा कंपनियों के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन बैठक कर निवेश की सार्थक चर्चा हुई। उन्‍होंने बताया, विदेश यात्रा मेंअत्यंत महत्वपूर्ण सेक्टर सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर में कार्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। मध्यप्रदेश में सेमीकंडक्टर और साइंस टेक्नोलॉजी पार्क के लिए SRAM & MRAM ग्रुप द्वारा 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिला है। इससे प्रमाणित हो रहा है कि प्रदेश में नित नए क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने की दिशा में हम सफल हो रहे हैं।

सौर ऊर्जा सेक्टर में मिले 150 करोड़ के निवेश प्रस्ताव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेश यात्रा में प्रदेश में विकास के लिये सभी क्षेत्रों पर फोकस करते हुये चर्चा की गई। सौर ऊर्जा उत्पादन और उपकरण निर्माण में निवेश के लिए हुई चर्चा में Ejea Limited और Azia Limited ने सौर ऊर्जा से क्रमशः 50 करोड़ और 100 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। डेयरी उद्योग में उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक प्रसंस्करण एकाइयों की स्थापना पर पोलैंड की कंपनी पीपीएच टैमर से विस्तार से चर्चा हुई। इस क्षेत्र में स्वदेशी और विदेशी कंपनियों के सहयोग से नई परियोजनाओं को प्रारंभ करने की योजनाएं बनाई गई। साथ ही क्षेत्र के विकास हेतु नई तकनीकों के उपयोग पर भी विशेषज्ञों से राउंड-टेबल मीटिंग हुई।

प्रदेश में आईटी के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को विदेश यात्रा के परिणामस्वरूप और अधिक गति मिलेगी। सॉफ्टवेयर और आईटी पार्क के निर्माण पर विभिन्न इंटरैक्टिव-सेशन और राउंड-टेबल डिस्कशन हुआ। आईटी सेक्टर में इन्वेस्टमेंट के लिये कई इन्वेस्टर्स ने अपना इंटरैस्ट दिखाया है। वुडपैकर साफ्टवेयर से रसायन और आईटी सेक्टर में 1,100 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला। डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश को एक ग्लोबल इन्वेस्टर सेंटर के रूप में स्थापित करने के लिये की गई यूके की यात्रा से राज्य के लिए बहु-क्षेत्रीय निवेश के अवसर खुले हैं, जिनसे रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यूके के किंग्स क्रॉस अर्बन रीजुवनेशन प्रोजेक्ट का भ्रमण कर शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं को समझने और मध्यप्रदेश में इसी तरह की परियोजनाओं पर काम करने के लिये उपयोगी जानकारी मिली। साथ ही वार्विक मैन्युफेक्चरिंग ग्रुप (WMG) का भ्रमण कर ऑटोमोबाइल क्षेत्र के एक्स्पर्ट्स से प्रदेश की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये धार जिले के पीथमपुर में निर्मित ऑटो टेस्टिंग ट्रैक में WMG के साथ मिलकर कार्य करने की योजना पर भी चर्चा हुई। बीईएम लिमिटेड ने मॉड्यूलर हॉउसिंग प्रोजेक्ट में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिये प्रस्ताव दिया है। बुनियादी ढांचे के विकास, आधुनिक परिवहन प्रणाली, ऑटोमोबाइल सेक्टर हेतु एवं अन्य परियोजनाओं जैसे स्मार्ट सिटी और आवासीय सुविधाओं पर भी विभिन्न प्रकार के विशेषज्ञों से चर्चा की गई।

जर्मन यात्रा की शुरूआत बवेरियन स्टेट चांसलरी के साथ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विदेश यात्रा के दूसरे पड़ाव जर्मनी की शुरूआत बवेरियन स्टेट चांसलरी से हुई। यहाँ डॉ. फ्लोरियन हेरमैन से मुलाकात हुई जो बवेरियन राज्य चांसलरी के प्रमुख और बवेरियन स्टेट के संघीय और यूरोपीय मामलों के मंत्री हैं। चर्चा के केन्द्र में प्रौद्योगिकी, नवकरणीय ऊर्जा, सुपर कंप्यूटिंग और कौशल विकास में सहयोग रहा। उनके साथ जलवायु नीति नवाचार, उच्च शिक्षा विनिमय, और उन्नत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से मध्यप्रदेश के युवाओं को वैश्विक उद्योगों के लिए तैयार करने पर भी चर्चा हुई। जर्मनी यात्रा में म्यूनिख के ब्रुन्नथल में एनर्जी के महत्वपूर्ण प्लांट एसएफसी एनर्जी का भ्रमण कर टेक्नोलॉजी का मध्यप्रदेश के संदर्भ में बेहतर उपयोग के लिये चर्चा की गई। सीईओ डॉ. पीटर पोडेसर ने प्लांट और एनर्जी के संबंध में अवगत कराया। स्वच्छ ऊर्जा समाधानों में एसएफसी एनर्जी के नवाचारों और उनके संभावित अनुप्रयोगों पर चर्चा में मध्यप्रदेश में संभावनाओं को तलाशा गया। म्युनिख में ही प्लास्टिक एडिटिव्स में अग्रणी बेरलोचर समूह से चर्चा हुई। बैठक में बेरलोचर के संचालन के विस्तार, नई तकनीकी क्षमताओं की खोज, और पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर चर्चा हुई। समूह के द्वारा 2001 से देवास में विनिर्माण इकाई संचालित की जा रही है।

स्टटगार्ट में लैप ग्रुप के संस्थान का भ्रमण

जर्मन यात्रा में स्टटगार्ट के केबल और कनेक्शन तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाली प्रसिद्ध कंपनी लैप ग्रुप के संस्थान का भ्रमण किया गया। कम्पनी के विशेषज्ञों से बैठक कर उन्नत विनिर्माण और औद्योगिक स्व-चालन के क्षेत्र में निवेश के अवसरों और संभावित साझेदारी की संभावनाओं के बारे में गहन चर्चा हुई। इसमें मध्यप्रदेश के रणनीतिक लाभों और निवेशक-अनुकूल नीतियों को उजागर करते हुए निवेश संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए राउंड-टेबल मीटिंग भी हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि स्टटगार्ट में स्थित प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय का भ्रमण किया। मध्यप्रदेश सरकार और संग्रहालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इस एमओयू से जर्मनी और मध्यप्रदेश (भारत) के मध्य सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। इससे प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जर्मनी से ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ता प्रदान करने के लिये मध्यप्रदेश में जर्मन लैंग्वेज इंस्टीटयूट खोलने पर भी चर्चा हुई। इससे भाषा संबंधी चुनौती दूर होगी और जर्मनी में मौजूद रोजगार के अवसरों का लाभ हमारे युवा ले सकेंगे। जर्मनी की कंपनी आईएसएमसी द्वारा इस हेतु कार्य करने का प्रस्ताव दिया गया ताकि रोजगार के अवसरों के लिए भाषा की बाधाएं दूर की जा सकें।

भारतवंशियों एवं फ्रेंड्स ऑफ एमपी से हुई चर्चा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जर्मनी और यूके में भारतवंशियों के साथ आत्मीय चर्चाएं हुई। उनकी उपलब्धियों से भारतीयों को भी अवगत कराने के लिये उन्हें मध्यप्रदेश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही इंटरैक्टिव-सेशन आयोजित किए गए। म्यूनिख और लंदन में 'डायस्पोरा एंड फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश' जैसे कार्यक्रमों में राज्य की संस्कृति, पर्यटन और उद्योग की ताकत को प्रदर्शित किया गया। जर्मनी में फ्रेंड्स ऑफ एमपी चैप्टर की शुरुआत की गई।यात्रा में मध्यप्रदेश की निवेश संभावनाओं पर वन-टू-वन मीटिंग, प्रमुख सैक्टर पर केन्द्रित राउंड टेबल-सत्र आयोजित किए गए, जिसमें विभिन्न सेक्टर्स में निवेश के लिए रुचि दिखाई गई। मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की अपार संभावनाओं को भी उजागर किया गया। फरवरी-2025 में भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए सभी को आमंत्रित किया गया।

निवेश के लिये हम हर जगह जाने को तैयार

इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव का कहना यह भी रहा कि मध्यप्रदेश को औद्योगिक हब बनाने और रोजगार के अवसर सृजित करने प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में हुई 5 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, जबलपुर, सागर और देश के महानगर मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो से 2,76,070 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इससे 3,28,670 रोजगार सृजन होगा। मध्यप्रदेश में निवेश लाने के लिये हम हर जगह जाने को तैयार हैं, चाहे वह देश के अंदर हो या देश के बाहर हो। हमारा प्रयास है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सबल हो और देश की अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाए। इस दौरान मंच पर सीएम मोहन यादव के साथ मंत्री तुलसी सिलावट, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राज्य मंत्री कृष्णा गौर, गौतम टेटवाल, विधायक रामेश्वर शर्मा एवं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी