प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत स्वर्णिम और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में गतिशील: दुर्गादास उईके

 


- केंद्रीय मंत्री उईके ने किया बैतूल में किया आदि बाजार का शुभारंभ

बैतूल, 21 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत स्वर्णिम और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में निरंतर गतिशील है। भारत सरकार का जनजातीय कार्य विभाग जनजातीय वर्ग के शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ जनजातीय कला, संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आज जनजातीय समाज का सर्वांगीण विकास हो रहा है और जनजातीय वर्ग देश के हर क्षेत्र में सशक्त रूप से प्रतिनिधित्व कर रहा है।

केंद्रीय राज्यमंत्री उईके ने कहा कि समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पारंपरिक उत्पाद ज्वार, बाजरा, रागी और मक्का को “श्रीअन्न” का नाम देकर प्रधानमंत्री जी ने इन्हें सम्मान प्रदान किया है। आज यही श्रीअन्न देश के 5-स्टार और 7-स्टार होटलों में सबसे महंगे और पसंदीदा खाद्य पदार्थों में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि आदि बाजार में जनजातीय कलाकारों द्वारा भित्ति चित्रों से लेकर अपनी ज्ञान-कला और पारंपरिक शिल्प का अद्भुत प्रदर्शन किया गया है।

उन्होंने कहा कि आदि बाजार का शुभारंभ जनजातीय नव-उद्यमियों को आगे बढ़ाने और उन्हें बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है। केंद्रीय मंत्री ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आदि बाजार में आकर खरीदारी करें, ताकि देशभर से आए जनजातीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिले और वे आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बन सकें।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने कहा कि देशभर के जनजातीय कारीगरों द्वारा निर्मित विशिष्ट एवं पारंपरिक उत्पादों के प्रोत्साहन और विक्रय के लिए एक सशक्त मंच मिलना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके तथा ट्रायफेड के अधिकारियों को बधाई दी। खंडेलवाल ने कहा कि बैतूल जिले सहित मध्य प्रदेश और देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय कारीगरों के हस्तशिल्प उत्पादों में अलग पहचान और विशिष्टता देखने को मिलती है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे परिवार के साथ समय निकालकर आदि बाजार अवश्य आएँ, ताकि जनजातीय कारीगरों को प्रोत्साहन और उत्साहवर्धन मिल सके। इससे स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत की भावना और अधिक सशक्त होगी।

आदि बाजार के शुभारंभ अवसर पर विधायक महेंद्र सिंह चौहान, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, जिला विकास सलाहकार समिति के सदस्य सुधाकर पवार, ट्रायफेड की क्षेत्रीय प्रबंधक प्रीति मैथिल, नगर पालिका अध्यक्ष पार्वतीबाई भास्कर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, महेश राठौर, कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं नागरिक उपस्थित रहे। समारोह को जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर ने भी संबोधित किया।

ट्रायफेड जनजातीय कारीगरों के उत्पादों को दे रहा है राष्ट्रीय पहचान

ट्रायफेड की क्षेत्रीय प्रबंधक प्रीति मैथिल ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायफेड एक राष्ट्रीय संस्था है , जो जनजातीय कारीगरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, हथकरघा एवं प्राकृतिक उत्पादों के वाणिज्य और बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ट्रायफेड के अंतर्गत देशभर में “ट्राइब्स इंडिया”नाम से 100 से अधिक यूनिट संचालित की जा रही हैं, जिनके माध्यम से जनजातीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जनजातीय कारीगरों को अपने उत्पादों के विपणन में किसी प्रकार की कठिनाई न आए और उन्हें बेहतर मूल्य मिल सके, इसी उद्देश्य से बैतूल जिले में 21 से 26 दिसंबर तक आदि बाजार का आयोजन किया गया है। आदि बाजार में 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ट्राइब्स इंडिया के साथ महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों के जनजातीय स्व-सहायता समूहों तथा मध्यप्रदेश एवं बैतूल जिले के जनजातीय कारीगरों द्वारा आकर्षक स्टॉल लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त आगंतुकों की सुविधा हेतु फूड स्टॉल भी उपलब्ध कराए गए हैं। प्रीति मैथिल ने जिलेवासियों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आदि बाजार में पहुँचकर खरीदारी करें, जिससे स्वदेशी जनजातीय हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहन मिले और कारीगरों की आजीविका सुदृढ़ हो सके।

अतिथियों ने स्टॉल का अवलोकन कर की खरीददारी

आदि बाजार में अतिथियों एवं अन्य नागरिकों ने विभिन्न स्टॉलों पर पहुँचकर जनजातीय कारीगरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प , हथकरघा एवं प्राकृतिक उत्पादों का अवलोकन किया तथा उत्साहपूर्वक खरीददारी की। आगंतुकों ने पारंपरिक शिल्पकला, स्थानीय डिज़ाइन और उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना करते हुए कारीगरों से सीधे संवाद भी किया।आदि बाजार में बाघ प्रिंट (मध्यप्रदेश), TRIFED / ट्राइब्स इंडिया, टिगरिया आर्ट, घूमर एसएचजी (राजस्थान), बानस सखी मंडल (गुजरात), बुनकर सहकारी समिति (छत्तीसगढ़), वैभव मंडावी (महाराष्ट्र) तथा नॉर्थ ईस्ट के विभिन्न राज्यों के आकर्षक स्टॉल लगाए गए हैं। इसके साथ ही आगंतुकों की सुविधा हेतु फूड स्टॉल भी उपलब्ध कराए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर