दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद् के साथ किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

 


नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण और कौशल विकास को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद् के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की नौकरियों में दिव्यांग जनों को आवश्यक विशेष प्रकार के कौशल से लैस करने के उद्देश्य से दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में एमओयू को शुक्रवार को औपचारिक रूप दिया गया।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अनुसार यह समझौता उद्योग की मांगों के अनुरूप व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन विकसित करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है। ईएसएससीआई की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर इस पहल का उद्देश्य दिव्यांग जनों की स्थायी आजीविका के लिए मार्ग बनाना और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल को बढ़ावा देना है।

एमओयू की शर्तों के तहत भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीवीईटी) पाठ्यक्रम मानकों के अनुसार दिव्यांगों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद, प्रशिक्षुओं के लिए निर्बाध प्लेसमेंट अवसर सुनिश्चित करने के लिए संभावित नियोक्ताओं और औद्योगिक नेटवर्क के साथ जुड़ाव की सुविधा प्रदान करेगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्लेसमेंट न्यूनतम वेतन अधिनियम और उद्योग बेंचमार्क के अनुरूप मासिक वेतन की गारंटी देगा।

इसके अलावा, भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद प्लेसमेंट के बाद कम से कम तीन महीने के लिए परामर्श और ट्रैकिंग सेवाएं प्रदान करके पोस्ट-प्लेसमेंट समर्थन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखेगा, जिससे कार्यबल के भीतर दिव्यांगों की निरंतर सफलता और एकीकरण सुनिश्चित हो। यह सहयोग समावेशिता और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में दिव्यांगों के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र कौशल परिषद की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/संजीव