ममता ने किया संतों का अपमान, कोलकाता में खाली पैर चले 500 साधु
कोलकाता, 24 मई (हि.स.)। रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ साधुओं के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कथित टिप्पणी के विरोध में संन्यासियों ने शुक्रवार को कोलकाता में रैली निकाली।करीब 500 संतों के साथ चार हजार लोगों ने पदयात्रा की है।
‘संत स्वाभिमान यात्रा’ नाम से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने राज्य में संतों की शीर्ष संस्था बंगीय संन्यासी समाज के सदस्यों के साथ मिलकर उत्तर कोलकाता के बागबाजार से स्वामी विवेकानंद के पैतृक निवास ‘शिमला स्ट्रीट’ तक रैली निकाली।
एक प्रदर्शनकारी संन्यासी ने कहा, ‘‘हम अपने खिलाफ माननीय मुख्यमंत्री की टिप्पणियों की निंदा करते हैं। हम अपमानजनक टिप्पणियों से दुखी हैं और अपमानित महसूस कर रहे हैं। वह राज धर्म का पालन नहीं कर रही हैं।’’
वीएचपी के वरिष्ठ नेता सौरिश मुखर्जी ने कहा, ‘‘वोट बैंक की राजनीति के कारण मुख्यमंत्री रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के खिलाफ ऐसी टिप्पणी कर रही हैं।’’
हाल में एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तृणमूल प्रमुख पर वोट बैंक की राजनीति के लिए भिक्षुओं को धमकाने का आरोप लगाया था।
मोदी की यह टिप्पणी तृणमूल से जुड़े उपद्रवियों द्वारा जलपाईगुड़ी में रामकृष्ण मिशन (आरकेएम) परिसर में तोड़फोड़ करने और बंदूक की नोक पर संन्यासियों और अन्य कर्मचारियों को धमकी देने के एक दिन बाद आई थी।
बनर्जी ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने केवल उन मठ के कुछ विशेष लोगों की आलोचना की है, संस्थानों की नहीं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश / गंगा/प्रभात