भारतीय तटरक्षक बल के लिए छह अपतटीय गश्ती जहाज बनाएगा एमडीएल

 

- रक्षा मंत्रालय ने एमडीएल के साथ 1614.89 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए

- समुद्र में आईसीजी की निगरानी और मानवीय सहायता क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) 06 अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी) बनाएगा। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसके लिए एमडीएल के साथ 1614.89 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। खरीदे जा रहे छह जहाजों में से चार मौजूदा पुराने ओपीवी की जगह लेंगे और अन्य दो बेड़े में शामिल होकर आईसीजी की समुद्री क्षमता बढ़ाएंगे।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया है कि भारतीय तटरक्षक बल के लिए छह अगली पीढ़ी के अपतटीय गश्ती जहाज खरीदने का मकसद आईसीजी की क्षमता को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा की ओर सरकार के बढ़ते फोकस को मजबूत करना है। मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ किये गए 1,614.89 करोड़ रुपये के अनुबंध से 6 आधुनिक और उच्च तकनीक वाले अपतटीय गश्ती जहाज बनाए जाएंगे। इससे समुद्र में आईसीजी की निगरानी, कानून प्रवर्तन, खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और मानवीय सहायता सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा।

बयान में यह भी बताया गया है कि कई उच्च तकनीक उन्नत सुविधाओं और उपकरणों के साथ ये 115 मीटर लंबे जहाज बहुउद्देशीय ड्रोन, एआई क्षमता और वायरलेस से नियंत्रित रिमोट वॉटर रेस्क्यू क्राफ्ट लाइफबॉय आदि से लैस होंगे, जो नए युग की बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने के लिए आईसीजी को अधिक परिचालन बढ़त प्रदान करेंगे। इन बहुउद्देश्यीय अत्याधुनिक जहाजों को एमडीएल ने स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा। यह जहाज कुल 66 महीनों की अवधि में तैयार करके आईसीजी को आपूर्ति किए जाएंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह अनुबंध देश की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने, समुद्री आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और सहायक उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' के उद्देश्यों को हासिल करेगा। यह परियोजना देश में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल