तृणमूल कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला-मनरेगा के परिवर्तित स्वरूप पर जताई कड़ी आपत्ति
कोलकाता, 19 दिसंबर (हि.स.)। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के नए स्वरूप को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा कि ग्रामीण भारत की रीढ़ माने जाने वाले मनरेगा को “सुधार” नहीं बल्कि “समाप्त” कर दिया गया है।
तृणमूल कांग्रेस की ओर से दावा किया गया कि उसके सांसदों ने लगातार 12 घंटे तक धरना दिया। पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा को कमजोर कर करोड़ों ग्रामीण मजदूरों की आजीविका पर सीधा हमला किया है, जिनका जीवन सुनिश्चित काम और समय पर मजदूरी पर निर्भर था।
पोस्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते मजदूरों की आजीविका को “वैचारिक अहंकार” की भेंट चढ़ा दिया गया है। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाना भाजपा की “गांधीवादी मूल्यों के प्रति वैचारिक नफरत” को उजागर करता है।
टीएमसी ने कहा कि जो शक्तियां गांधीजी के जीवनकाल में उनके विरोध में थीं, वही अब कानून के जरिए उन्हें मिटाने का प्रयास कर रही हैं। पार्टी ने चेतावनी दी कि इतिहास इसे स्पष्ट रूप से याद रखेगा।
तृणमूल कांग्रेस के अनुसार, मनरेगा को गरीबों को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया था, लेकिन सत्ता के अहंकार को संतुष्ट करने के लिए इसे नष्ट कर दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय