पुणे से फिर उत्तराखंड सैर पर निकली मानसखंड एक्सप्रेस, इस बार बढ़े 22 पर्यटक

 


- पर्यटक निहारेंगे उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता, टूर को लेकर पर्यटक उत्साहित

- 302 पर्यटकों को लेकर 24 मई को टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी मानसखंड एक्सप्रेस

देहरादून, 22 मई (हि.स.)। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के अल्पज्ञात स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुधवार को 302 पर्यटकों के साथ मानसखंड एक्सप्रेस (भारत गौरव पर्यटक ट्रेन) दूसरी बार पुणे से रवाना हो चुकी है, जो लोनावला, कल्याण, वसाई, वापी, सूरत, वड़ोदा, रतलाम, उज्जैन आदि होते हुए 24 मई को टनकपुर रेलवे स्टेशन पहुंचेगी। इससे पहले गत 22 अप्रैल को 280 पर्यटकों के साथ मानसखंड एक्सप्रेस सैर पर निकली थी। यह जानकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने दी।

पर्यटन सचिव सचिन ने बताया कि यात्रा से पूर्व यात्रियों का मराठी रीति-रिवाजों से स्वागत किया गया। ढोल-बाजों के साथ पारंपरिक तरीके से उनकी आरती की गई। टीका लगा पुष्पवर्षा भी की गई। टूर को लेकर पर्यटक काफी उत्साहित दिखे। उन्हें उम्मीद है कि टूर के जरिए उन्हें उत्तराखंड के कुछ नए दर्शनीय स्थल देखने को मिलेंगे।

उन्होंने बताया कि प्राचीन भारतीय ग्रंथों के अनुसार उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र को मानसखंड के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड प्राकृतिक सुंदरता परिपूर्ण होने के साथ धार्मिक आस्थाओं का गढ़ है। पर्यटन के लिहाज से यह बेहद समृद्ध है। यही कारण है कि देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक उत्तराखंड की सैर करने आते हैं। उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। मान्यता है कि यहां के कण-कण में देवताओं वास है।

10 रात-11 दिन की यात्रा में सभी पर्यटकों को प्रशिक्षित गाइडों के माध्यम से कुमाऊं क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन स्थलों यथा पूर्णागिरी मंदिर, हाटकालिका मंदिर, कसार देवी, कटारमल, कैंचीधाम, चित्तई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, शारदा घाट, पाताल भुवनेश्वर मंदिर, नानकमत्ता गुरुद्वारा, भीमताल, नैनीताल, अल्मोड़ा, चैकोरी, चंपावत के टी गार्डन, बालेश्वर मंदिर, मायावती आश्रम आदि का भ्रमण कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आईआरसीटीसी की ओर से 28,020 रुपये की शुरुआती कीमत पर पैकेज सेवा प्रदान की जा रही है। ट्रेन का सफर 3एसी है। हालांकि पर्यटकों की सुविधा बढ़ाने के लिए ट्रेन के एक कूपे में केवल चार ही बर्थ बुक की गई है। ट्रेन के बाहर उत्तराखंड की समृद्ध प्राकृतिक, सांस्कृतिक, स्थापत्य और आध्यात्मिक विरासत प्रदर्शित की गई है। पेंट्री कार कोच में उत्तराखंडी व्यंजन दर्शाए गए हैं। एक कोच में विभिन्न लोक त्योहारों को दर्शाया गया है। दूसरे कोच पर राज्य के विभिन्न परिधान पहने हुए लोग हैं। डिब्बों पर विभिन्न मंदिरों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को भी दर्शाया गया है। ट्रेन में एक वातानुकूलित पेंट्री कार है, जो यात्रा के दौरान पर्यटकों को उत्तराखंडी व्यंजनों सहित विभिन्न व्यंजन परोसेगी। कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख तथा अल्पज्ञात पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए होटल, बस, टैक्सी आदि की व्यवस्था पैकेज के रूप में आईआरसीटीसी करेगी।

उन्होंने बताया कि टनकपुर में उतरने के बाद पर्यटकों को विभिन्न गंतव्यों पर ले जाया जाएगा, जहां वे होटल होमस्टे में रुकेंगे। यात्रा के दौरान पर्यटक टनकपुर, चंपावत लोहाघाट, चैकोरी, अल्मोडा और भीमताल में रात्रि विश्राम के साथ यात्रा कार्यक्रम के अनुसार विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करेंगे।

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि प्रथम चरण में संचालित मानसखंड एक्सप्रेस की सफलता एवं पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए दूसरे चरण में भी मानसखंड एक्सप्रेस को पुणे से संचालित करने की योजना बनाई गई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की यह अनूठी पहल भारत में अपनी तरह का प्रथम प्रयास है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज