कोलकाता में स्थापित हुई पंचचोला शैली की ''धनुषपाणि राम'' की मूर्ति
कलकत्ता, 21 जनवरी, (हि.स.)। सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले राजधानी कोलकाता में भी भगवान राम की एक विशेष मूर्ति का अनावरण हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सांस्कृतिक मंच संस्कार भारती की ओर से इसका अनावरण किया गया है। भास्कर शीर्ष आचार्य ने रामलला की कांस्य प्रतिमा बनाई है। पंचचोला शैली की इस मूर्ति को ''धनुषपाणि राम'' नाम दिया गया है।
श्री अयोध्या धाम में श्री रामचन्द्र की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अवसर पर रविवार दोपहर भारतीय संग्रहालय के पास आशुतोष जन्म शताब्दी हॉल में `नमामि रघुवीरम्' का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ''संस्कार भारती'' द्वारा भारतीय संग्रहालय, पूर्वांचल संस्कार केंद्र, कोलकाता और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज के सहयोग से आयोजित किया गया था।
भारतीय कला एवं शिल्प अकादमी के स्नातक शीर्ष आचार्य ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि ऐसी कलाकृतियां पूरी दुनिया में दुर्लभ हैं। कम से कम मैं पश्चिम बंगाल में ऐसी शैली के बारे में नहीं जानता। मैंने गौड़ साम्राज्य के संप्रभु शासक और एकीकृत बंगाल क्षेत्र के पहले स्वतंत्र राजा शशांक की ढाई फीट की प्रतिमा भी बनाई।''
संगठन के पश्चिम बंगाल क्षेत्र के महासचिव तिलक सेनगुप्ता ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि भारतीय संग्रहालय के अधिकारियों ने मूर्ति को अपने संग्रहालय में रखने की इच्छा व्यक्त की है। शीर्ष ने कहा कि मूर्ति पर फाइबर का आवरण डालकर कर इसे संरक्षित किया जा सकता है। वही भगवान राम से जुड़ी 50 डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी यहां होगा। अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन की पूर्व संध्या पर रविवार को कोलकाता में ''राम चरितकथा'' नामक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। तिलक सेनगुप्ता ने कहा कि कलाकारों द्वारा अलग-अलग दृष्टिकोण से खींचे गए रामचंद्र के चित्रों को डिजिटल रूप दिया गया और 18 इंच लंबे और 12 इंच चौड़े कार्डबोर्ड पर मुद्रित किया गया है। इन्हें भारतीय संग्रहालय से सटे आशुतोष जन्म शताब्दी हॉल में स्थापित किया जाएगा।
17 से 70 साल की उम्र के इन कलाकारों में पश्चिम बंगाल के तीन लोग शामिल हैं। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के डीजी संजीव किशोर गौतम ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में दर्शकों को भगवान राम के अलावा जिनकी पेंटिंग देखने का मौका मिल रहा है, उनमें ''संस्कार भारती'' के अखिल भारतीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार वासुदेव कामथ भी शामिल हैं।
इसके अलावा कलाकारों में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सुनील विश्वकर्मा, कश्मीर के अमरजीत सिंह, उत्तर प्रदेश के सुनील खुसवा, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता लखनऊ के सुनील कुमार सिंह, गुजरात के डॉ. अशोक पटेल, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निरुपमा टांक, दर्शना भदुरिया शामिल हैं। प्रदर्शनी तीन दिनों तक चलेगी। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
तिलक बाबू ने यह भी कहा कि प्रदर्शित चित्रों को लेकर एक कॉफी बुक संकलित करने की भी योजना है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश / गंगा/प्रभात