स्वदेशी एलसीए मार्क-2 की उड़ान 2026 तक होगी, 2029 तक होगा उत्पादन

 



- पांचवीं पीढ़ी के एएमसीए का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 के लिए निर्धारित किया गया

- देश की सबसे महत्वपूर्ण हवाई परियोजनाओं में देरी पर हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। भारत ने उन्नत लड़ाकू विमानों की स्वदेशी योजना में हो रही देरी की समीक्षा के बाद लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस मार्क-2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) की पहली उड़ानों का ऐलान किया है। अब तय किया गया है किएलसीए तेजस मार्क-2 मार्च, 2026 तक उड़ान भरना शुरू कर देंगे और 2029 तक इनका पूर्ण पैमाने पर उत्पादन होने की उम्मीद है। इसी तरह पांचवीं पीढ़ी के एएमसीए का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 के लिए निर्धारित किया गया है।

देश की सबसे महत्वपूर्ण हवाई परियोजनाओं में देरी को देखते हुए हाल ही में डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना की एक उच्च स्तरीय बैठक में स्वदेशी लड़ाकू विमानों के उत्पादन की समय सीमाओं पर चर्चा की गई। बैठक में डीआरडीओ प्रमुख डॉ समीर वी कामतऔर वायु सेना के डिप्टी चीफ एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने 4.5 पीढ़ी के तेजस मार्क-2 और पांचवीं पीढ़ी के एएमसीए परियोजना की समीक्षा की। चर्चा के दौरान माना गया कि इंजन समझौतों से जुड़ी फंडिंग के कारण इनके विकास में देरी हुई है। उन्नत लड़ाकू विमानों के लिए भारत की योजना पर समयावधि तय की गई कि भारत 2029 तक एलसीए मार्क-2 जेट विमानों का उत्पादन शुरू करेगा। इसी तरह 2035 तक 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एएमसीए का उत्पादन शुरू करेगा।

डीआरडीओ भवन में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में एलसीए मार्क-2 के विकास कार्यक्रम और समय सीमा पर ध्यान केंद्रित किया गया। डॉ कामत और एयर मार्शल दीक्षित के समक्ष एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डेवलपमेंट रिपोर्ट रखी। बैठक में डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं और क्लस्टरों के महानिदेशक भी प्रोटोटाइप के उड़ान परीक्षण, विमानों की पहली उड़ानों के साथ-साथ सिस्टम पर चर्चा करने के लिए उपस्थित थे। चर्चा के दौरान कहा गया कि एलसीए मार्क-2 का प्रोटोटाइप 2025 तक आने की उम्मीद थी, जिसमें लगभग एक साल की देरी हो रही है। इसकी वजह स्वदेशी लड़ाकू विमान के लिए इंजन सौदे से जुड़ी स्वीकृत धनराशि जारी होने में देरी को बताया गया।

हालांकि, यह पहले ही तय हो चुका है कि एलसीए विमान अमेरिकी जीई इंजन से संचालित होंगे। इसमें एलसीए मार्क-1 और मार्क-1ए में जीई-404 इंजन होंगे, जबकि एलसीए मार्क-2 में स्वदेशी सामग्री के साथ भारत में निर्मित अधिक उन्नत जीई-414 का उपयोग किया जाएगा। डीआरडीओ अधिकारियों ने कहा कि भारत का 4.5 जनरेशन का तेजस एमके-2 वर्तमान में विकास के चरण में है और मार्च, 2026 में अपनी पहली उड़ान भरेगा और 2025 में इसका प्रोटोटाइप तैयार हो जाएगा। स्वदेशी तेजस मार्क-2 का प्राथमिक सेंसर उत्तम रडार होगा। इसके अलावा एस्ट्रा एयर-टू-एयर मिसाइल और स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड हथियार जैसे स्वदेशी हथियार भी शामिल होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम