कठुआ आतंकी हमले में बलिदानी जवान का पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
- नम आंखों से हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई, सीआरपीएफ जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
छिंदवाड़ा, 13 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले में बलिदान हुए जवान कबीर दास उईके का गुरुवार को उनके पैतृक गांव छिंदवाड़ा जिले पुलपुलडोह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा के दर्शन के लिए लोग घरों की छतों पर चढ़ गए। अंतिम संस्कार के समय सीआरपीएफ के आईजी सुखबीर सिंह सोढ़ी और डीआईजी नीतू सिंह भी मौजूद रहीं। वही, कलेक्टर शिलेंद्र सिंह, एसपी मनीष खत्री भी मौजूद थे।
बीते मंगलवार रात जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर स्थित सैदा सुखल गांव में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान कबीर दास (35 वर्ष) गोली लगने से घायल हो गए थे, बुधवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली थी। कबीर दास मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की बिछुआ तहसील के ग्राम पुलपुलडोह के रहने वाले थे। वे 2011 में बतौर कॉन्स्टेबल सीआरपीएफ में शामिल हुए थे। उनकी चार साल पहले शादी हुई थी। परिवार में उनकी मां इंदरवति उईके, पत्नी ममता उईके, छोटा भाई हैं। उनकी दो बहनों की शादी हो चुकी है। पिता का निधन हो चुका है।
शहीद कबीर दास उइके का पार्थिव शरीर पहले हवाई मार्ग से गुरुवार सुबह नागपुर पहुंचा और यहां से सेना के वाहन द्वारा सड़क मार्ग से पुलपुलडोह (मरजातपुर) लाया गया। गांव पहुंचते ही शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। इस दौरा पूरा गांव देशभक्ति के जयघोष से गूंज उठा। इस दौरान आतंकी हमले के विरोध में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए।
अंतिम दर्शन के बाद उनके घर अंतिम रस्म पूरी की गई। सीआरपीएफ जवानों ने बलिदानी कबीर दास को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिस तिरंगे से ढंक कर उनकी पार्थिव देह लाई गई, वह तिरंगा उनके परिजन को भेंट किया गया। इसके बाद आदिवासी परंपरा के अनुसार कबीर दास की पार्थिव देह को उनके घर के पीछे खेत में दफनाया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके घर मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव