भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी

 


नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार की ओर से हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में व्यापक स्तर पर काम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण ने भी अपने सभी कार्य स्थलों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने व उनको सुरक्षित माहौल देने की दिशा में काम कर रही है।

भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष आदित्य मिश्र ने मंगलवार को हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि प्राधिकरण में महिलाओं की भूमिका बढ़े। उनको सुरक्षित व अनुकूल वातावरण दिया जाए। इस दिशा में प्राधिकरण व्यापक स्तर पर काम कर रहा है।

मिश्र ने कहा कि लैंड पोर्ट में अमूमन पुरुष अधिक काम करते हैं लेकिन अब समय आ गया है जब इस क्षेत्र में भी महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्राधिकरण ने इस संबंध में एक सर्वे करवाया है, जिसमें लगभग 16 सुझाव प्राप्त हुए हैं। हम इन सुझावों पर अमल करेंगे और प्राधिकरण के काम-काज में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। हम यह भी ध्यान रखेंगे कि कार्य के दौरान महिलाओं को किसी भी तरह की दिक्कत न होने पाए। सर्वे के माध्यम से जो सुझाव प्राप्त हुए हैं उन पर गौर किया जाएगा।

मिश्र ने कहा कि हमारे लैंड पोर्ट अधिकतर सीमावर्ती क्षेत्र में हैं। ऐसे में हमारी सोच है कि सीमावर्ती क्षेत्रों की महिलाओं को उचित प्रशिक्षण देकर उन्हें लैंड पोर्ट में काम दिया जाए। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों की महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय के तहत सीमा प्रबंधन विभाग सांविधिक निकाय के रूप में स्थापित हुआ, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण को भारत की सीमा पर भूमि पत्तन के निर्माण, सुव्यवस्थित सुगम और सुरक्षित सुविधा के लिए अत्याधुनिक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने का काम सौंपा गया है। भारत की सीमा पर भूमि पत्तन के निर्माण का कार्य और आवाजाही में लगने वाला समय एवं व्यापार लेन- देने से जुड़ी लागत को कम करना, क्षेत्रीय व्यापार और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के समग्र उद्देश्य के साथ कार्गो और यात्रियों की सुगम और कुशल आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं को आत्मसात करना है।

हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/दधिबल