पलामुरु के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ, कांग्रेस फिर वही गलती दोहरा रही है : केसीआर

 


हैदराबाद, 21 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने तेलंगाना राज्य गठन से पहले शासन कर चुकी कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) पर पलामुरु जिले की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अब दोबारा सत्ता में आई कांग्रेस सरकार भी उसी पुराने रवैये पर चल रही है।

तेलंगाना भवन में आयोजित पार्टी की मीडिया बैठक को संबोधित करते हुए केसीआर ने कहा कि संयुक्त आंध्र प्रदेश का गठन विशेष रूप से तेलंगाना और पलामुरु क्षेत्र के लिए नुकसानदेह साबित हुआ। उन्होंने बताया कि बैठक का मुख्य एजेंडा पलामुरु–रंगारेड्डी सिंचाई परियोजना रहा, जिस पर केंद्र और राज्य सरकारों के कथित भेदभावपूर्ण रवैये पर चर्चा की गई।

केसीआर ने कहा कि पलामुरु जिला कृष्णा नदी के लगभग 300 किलोमीटर लंबे प्रवाह के बावजूद दशकों तक सिंचाई सुविधाओं से वंचित रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि 1974 में बचावत ट्रिब्यूनल द्वारा जुराला परियोजना को 17 टीएमसी पानी आवंटित किए जाने के बावजूद उस पर कभी गंभीरता से अमल नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य के गठन के बाद बीआरएस सरकार ने लंबित सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा कर पलामुरु को प्राथमिकता दी। पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा रोकी गई परियोजनाओं को दोबारा शुरू किया गया और जिले में करीब साढ़े छह लाख एकड़ भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा, भूजल के माध्यम से भी अतिरिक्त आयाकट विकसित किया गया। केसीआर के अनुसार, बीआरएस सरकार ने पलामुरु क्षेत्र के लिए लगभग 170 टीएमसी पानी की आपूर्ति की रणनीति बनाई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र की भाजपा सरकार और तत्कालीन टीडीपी नेतृत्व पर भी सहयोग न देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र को तालाबों और जल संसाधनों से जुड़ा पूरा विवरण सौंपे जाने के बावजूद सहयोग नहीं मिला।

केसीआर ने आरोप लगाया कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने के बाद भी पलामुरु परियोजना में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने सरकार को “भ्रष्ट” करार देते हुए कहा कि वह राज्य में उपलब्ध जल संसाधनों की भी प्रभावी रक्षा नहीं कर पा रही है।

उन्होंने घोषणा की कि बीआरएस जल्द ही पलामुरु, रंगारेड्डी और नलगोंडा जिलों में जनआंदोलन शुरू करेगी। इसके तहत शीघ्र ही एक बड़ी जनसभा आयोजित की जाएगी, जिसे वे स्वयं संबोधित करेंगे।

केसीआर ने कहा कि पंचायत चुनावों के नतीजों से सरकार के प्रति जन असंतोष साफ झलकता है। उनका दावा था कि यदि ये चुनाव पार्टी चिन्ह पर होते, तो बीआरएस की ताकत और स्पष्ट रूप से सामने आती। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में आने के दो वर्षों में कांग्रेस सरकार कोई नई जनकल्याणकारी नीति नहीं लाई और उसका ध्यान मुख्य रूप से रियल एस्टेट तथा सरकारी जमीनों की नीलामी पर केंद्रित है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले किसानों तक उर्वरक सीधे पहुंचता था, जबकि अब एक बोरी यूरिया के लिए पूरे परिवार को कतार में लगना पड़ रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव