छात्रों को देश की सांस्कृतिक विविधता से जोड़ता है कला उत्सव : धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि कला उत्सव स्कूली छात्रों की रचनात्मक और कलात्मक प्रतिभा का पोषण करके उनको भारत की सांस्कृतिक विविधता से जोड़ता है।
प्रधान ने चार दिवसीय कला उत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि कैसे कला उत्सव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुसार स्कूली छात्रों की रचनात्मक और कलात्मक प्रतिभा का पोषण करके उनको भारत की सांस्कृतिक विविधता से जोड़ता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पूरे देश को भारत के बच्चों की प्रतिभा और क्षमता पर भरोसा है।
प्रधान ने बताया कि कैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) बच्चों की प्रतिभा और कौशल को निखारने, उनके सर्वांगीण विकास और उन्हें 21वीं सदी के अनुरूप विकसित करने के लिए खेल-आधारित शिक्षा, खेल, कला, शिल्प और अन्य सभी रचनात्मक प्रयासों को मुख्यधारा में लाएगी। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 अगली पीढ़ी को पहले राष्ट्र और समाज की भावना से बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए तैयार कर रही है। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय से कला उत्सव को देश के सभी स्कूलों तक ले जाने के लिए आगे बढ़ने और क्रेडिट ढांचे में बच्चों की भागीदारी लाने की व्यवस्था करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत के प्रत्येक बच्चे को उसकी रुचि और प्रतिभा के अनुसार व्यापक मंच देकर ही विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है।
प्रधान ने एनईपी 2020 की विशेषताओं पर जोर दिया जिसमें छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए खेल, कला, संस्कृति, हैकथॉन आदि के रूप में अनुभवात्मक शिक्षा के घटकों को जोड़ा गया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसी विशेषताएं छात्रों में आलोचनात्मक सोच के विकास में मदद करती हैं। करुणा, सहानुभूति आदि जैसी गहरी मानवीय भावनाएं पाठ्यपुस्तकों से नहीं, बल्कि जीवन के अनुभवों से आती हैं।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी, शिक्षा मंत्रालय में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार सहित अन्य गण्यमान्य उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/पवन