आरजी कर मेडिकल कॉलेज में सामान्य हो रहे हालात, इमरजेंसी से लेकर सामान्य विभाग तक जूनियर डॉक्टरों ने शुरू किया कार्य

 




कोलकाता, 05 अक्टूबर (हि.स.)। आरजी कर मेडिकल कॉलेज आैर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात से ही अपनी दूसरी पूर्ण हड़ताल समाप्त कर काम पर वापसी कर ली है। शनिवार सुबह से उन्होंने आउटडोर विभाग में भी मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है। आरजी कर सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी शनिवार को यही स्थिति देखी गई, जहां डॉक्टर मरीजों को देखकर आवश्यक चिकित्सा परामर्श दे रहे थे।

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इतने दिनों से चले आ रहे आंदोलन के दौरान आम जनता ने उनका समर्थन किया है। अब वे जनता के साथ खड़े होकर पूरी तरह से चिकित्सा सेवाओं को सामान्य कर रहे हैं। उन्होंने आंदोलन के दौरान साथ खड़े रहने वाले वरिष्ठ डॉक्टरों के प्रति भी आभार प्रकट किया।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर आरिफ अहमद लस्कर ने कहा, वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट की आधिकारिक घोषणा के बाद हड़ताल पूरी तरह समाप्त कर दी गई है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर अब काम पर लौट चुके हैं। हमने आउटडोर विभाग के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों और इमरजेंसी सेवाओं में भी काम शुरू कर दिया है।

शुक्रवार रात से ही आरजी कर अस्पताल की इमरजेंसी और इंडोर सेवाओं में जूनियर डॉक्टरों ने काम पर वापसी कर ली थी। शनिवार सुबह से आउटडोर सेवाएं भी पूरी तरह से सामान्य हो गईं। आंदोलन के दौरान वरिष्ठ डॉक्टरों ने हमेशा जूनियर डॉक्टरों का समर्थन किया और अतिरिक्त काम करके मरीजों की देखभाल जारी रखी। अब भी वे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के साथ खड़े हैं। हालांकि, वरिष्ठ डॉक्टरों ने हाल के दिनों में सुझाव दिया था कि पूर्ण हड़ताल के बजाय किसी और तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस सुझाव को स्वीकार करते हुए जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया।

कोलकाता मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अनिकेत कर ने भी बताया कि शुक्रवार रात से इमरजेंसी सेवाओं, सर्जरी विभाग सहित विभिन्न विभागों में डॉक्टरों ने काम शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह से ही कोलकाता मेडिकल कॉलेज के आउटडोर विभाग में भी मरीजों को देखा जा रहा है। इसके साथ ही, डॉक्टरों ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक रोटेशन शेड्यूल तैयार किया है ताकि वे विरोध स्थल पर भी अपनी उपस्थिति बनाए रख सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर